पर्दे के पीछे
डॉयचे वेले के कर्मचारी. कैसे काम करते हैं, कैसे तैयार होते हैं समाचार, बैकग्राउंड, रिपोर्ताज. डॉयचे वेले के ऑफिस में कैसे होता है रेडियो और टीवी के लिए काम.
आप सुन रहे हैं डॉयचे वेले
अफ्रीकी भाषा अम्हैरियन की मॉडरेटर लीडेट अबेबे माइक्रोफोन पर. डॉयचे वेले की 30 भाषाओं में अम्हैरियन भी एक है. रेडियो, इंटरनेट के जरिए यह जर्मनी, यूरोप और इथियोपिया पर भी खबरें देते हैं.
हर दिन खास
आज की क्या घटनाएं हैं, किस डॉयचे वेले संवाददाता या विशेषज्ञ के साथ लाइव इंटरव्यू किया जा सकता है. मुख्य पेज पर क्या विषय रहेंगे, डॉयचे वेले रूसी विभाग में हमेशा प्राइम टाइम की स्थिति रहती है क्योंकि जब बॉन और बर्लिन में शाम ढलती है तो रूस के व्लादिवोस्तोक में सुबह हो जाती है.
कई लोगों की आवाज
डॉयचे वेले लोगों की आवाजों का प्रतिनिधित्व करता है, खासकर उन देशों में जहां लोगों को अभिव्यक्ति की, प्रेस की आजादी नहीं, वहां के बारे में रिपोर्ट करना डॉयचे वेले की प्राथमिकता है. इस तस्वीर में चीनी विभाग के प्रमुख माथियास फोन हाइन लेखक लियाओ यीवू का इंटरव्यू लेते हुए.
समय का ध्यान
क्या पूरा इंटरव्यू इस्तेमाल करना है या इंटरव्यू के कुछ हिस्से. उर्दू विभाग की किश्वर मुस्तफा ऑडियो सॉफ्टवेयर पर एडिंटिंग करते हुए. रेडियो शो में समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी. सेव होने के बाद सभी रिपोर्टें ऑन एयर कार्यक्रम के लिए तैयार होती है.
सुनकर सीखें
लर्निंग बाय ईयर, नाम की ऑडियो सीरीज छह अफ्रीकी और तीन एशियाई भाषाओं में चलाई जा रही है. रे़डियो नॉवेल बताते हैं कि कैसे युवा रोजगार पाएं या फिर एड्स से कैसे लड़ें. ये कहानियां एशिया और अफ्रीका के युवा लेखकों ने लिखी हैं. पाकिस्तान में इसे कलाकारों के साथ मिलकर तैयार किया गया है.
नो ब्रेक
स्पैनिश प्रोग्राम की पिया कास्ट्रो और कार्लोस डेलगाडो को फुर्सत के पल नहीं मिल पाते. स्पैनिश विभाग हर दिन 20 घंटे का टीवी कार्यक्रम बनाता है. डॉयचे वेले जर्मन, इंग्लिश, स्पैनिश और अरबी में टीवी कार्यक्रम बनाता है.
सफल अरबी कार्यक्रम
अरबी कार्यक्रम शहाब टॉक काफी मशहूर कार्यक्रम है. मॉडरेटर जफार अब्दुल करीम अपने गेस्ट के साथ कई विषयों पर चर्चा करते हैं. अरब देशों में युवाओं की क्या उम्मीदें हैं, खासकर अरब क्रांति के मामले में या फिर जर्मनी में विदेशियों के जीवन पर.
यूरोप के इर्द गिर्द..
जब ओजलेम कोस्कून 'डीडबल्यू इले अवरुपा' यानी 'डीडबल्यू के साथ यूरोप' वाला 26 मिनट का कार्यक्रम करती हैं तो मुख्य मुद्दा यूरोप ही होता है. 2012 से यह कार्यक्रम टीआरटी तुर्क चैनल पर देखा जा सकता है. इसी तरह की मैग्जीन पोलिश, रुमैनियाई, अल्बेनियाई, क्रोएशियाई, बोस्नियाई, बुल्गेरियाई भाषा में करता है.
सिर्फ 30 सेकेंड बाकी...
ताकि मॉडरेटर स्टुडियो में पूरी तरह एकाग्र हो सकें और वह दर्शकों को मुख्य विषय बता सकें, इसके लिए एडिटर से लेकर तकनीकी सहयोगियों तक सभी साथ में काम करते हैं. प्रोग्राम कंडक्टर रिपोर्टें चलाता है, टेलीफोन मिलाता है और ब्रेकिंग न्यूज की स्थिति में रन डाउन बदलता है.
एडिटर की कैंची
ब्राजीलियन विभाग की नादिया पोंटेस और राफाएल ओलिवेइरा गोपफैर्ट जर्मन भाषा की रिपोर्टों को पुर्तगाली में तैयार कर रही हैं. पुर्तगाली में तैयार रिपोर्टों को ब्राजील में प्रसारित किया जाएगा. डॉयचे वेले में दुनिया भर की 30 भाषाओं में रिपोर्टें तैयार की जाती हैं.
इंटरनेट कारवां
माली के ब्लॉगर बोकारी कोनाटे ने अपने देश के गांवों में इंटरनेट की जानकारी देने के लिए एक कारवां बनाई. फासोकान नाम के उनके ब्लॉग को 2012 में शिक्षा और संस्कृति श्रेणी के तहत पुरस्कार दिया गया. 2004 से डॉयचे वेले बॉब्स पुरस्कार 17 श्रेणियों में दिए जा रहे हैं.
उच्च स्तर की पत्रकारिता
हर साल डॉयचे वेले के ट्रेनिंग प्रोग्राम में 20 युवा पत्रकारों को लिया जाता है. जैसे भारत से ईशा भाटिया. दुनिया भर के युवा पत्रकारों अंतरराष्ट्रीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत प्रवेश दिया जाता है. इसके अलावा डॉयचे वेले अकादमी, बॉन राइन सीग कॉलेज के साथ इंटरनेशनल मीडिया स्ट्डीज में एमए की भी कराती है.
दुनिया भर से
डॉयचे वेले अकादमी के साथ दुनिया भर का कोई भी पत्रकार अपनी क्षमता और जानकारी बढ़ा सकता है. जैसे कि मध्य एशिया के लिए आधुनिक पत्रकारिता की समर अकादमी में. ये किर्गिस्तान के बिश्केक में है. यहां भागीदार 10 हफ्ते पत्रकारिता के गुर सीखते हैं.
योयो को किस्मत की तलाश
कोलोन यूनिवर्सिटी में..युवा ब्राजीलियाई छात्रा योयो परीक्षा की तैयारी करती हैं या फिर पीजी में परेशानी है या मुहब्बत में पड़ जाती हैं. साप्ताहिक वीडियो एपिसोड के अलावा दर्शक फेसबुक पर हीरोइन योयो से बातचीत भी कर सकते हैं. योयो नाम का टेलीनॉवेला काफी मशहूर हुआ है. योयो की भूमिका में डोरोकिया क्रीगल हैं.
मीडिया की भूमिका
विवाद सुलझाने, मानवाधिकार हनन या शिक्षा में मीडिया की भूमिका क्या होती है. इसी तरह के विषय डॉयचे वेले के ग्लोबल मीडिया फोरम में बहस का मुद्दा होते हैं. इस साल 17 से 19 जून के ग्लोबल मीडिया फोरम का मुद्दा है, विकास का भविष्य, आर्थिक मूल्य और मीडिया.