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परमाणु निरीक्षकों पर फैसला वापस ले ईरानः पश्चिमी देश

१९ सितम्बर २०२३

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान से मांग की है कि वह संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष परमाणु निरीक्षकों की मान्यता रद्द करने के फैसले को "तुरंत वापस ले." ईरान ने आठ परमाणु निरीक्षकों की मान्यता वापस ले ली है.

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ईरान ने आईएईए के शीर्ष परमाणु निरीक्षकों की मान्यता वापस ले ली है
ईरान के अराक में हेवी वाटर परमाणु रिएक्टर तस्वीर: Atomic Energy Organization of Iran/AP/picture alliance

ईरान के मीडिया और एक पश्चिमी राजनयिक का कहना है कि ईरान की सरकार ने 8 परमाणु निरीक्षकों की मान्यता वापस ले ली है. ये सभी निरीक्षक फ्रांस और जर्मनी के हैं. फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका के आईएईए में स्थायी प्रतिनिधियों ने संयुक्त बयान जारी कर इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. बयान में कहा गया है, "ईरान इन निरीक्षकों की मान्यता हटाने को तुरंत वापस ले और एजेंसी के साथ पूर्ण सहयोग करे जिससे कि यह भरोसा कायम रहे कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है."

खुद का परमाणु बम बनाने के कितना करीब है ईरान?

ईरान ने यह कदम अमेरिका और उसके तीन यूरोपीय सहयोगी देशों की आईएईए के पिछले हफ्ते बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक के बाद उठाया है. इस बैठक ईरान को अघोषित जगहों पर मिले यूरेनियम के बारे में तुरंत जवाब देने को कहा गया था. ईरान ने जो कदम उठाया है उसे "डि-डिजाइनेशन" ऑफ इंस्पेक्टर्स कहा जाता है. इसके मुताबिक परमाणु अप्रसार संधि और हर देश के सेफगार्ड एग्रीमेंट के तहत परमाणु केंद्रों के निरीक्षण के लिए जाने वाले इंस्पेक्टरों को सदस्य देश वीटो कर सकता है. 

ईरान दावा करता आया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है
ईरान के बुशर में मौजूद परमाणु बिजली घर तस्वीर: picture alliance/dpa

आईएईए का कहना है कि ईरान ने चार साल से अघोषित परमाणु सामग्री और गतिविधियों के बारे में एजेंसी के सवालों के जवाब नहीं दिए हैं. इसके बाद इस तरह के कदम उठा कर उसने एजेंसी की लंबे समय से चली आ रही चिंता और बढ़ा दी है.

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संदेह बरकरार

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख रफायल ग्रोसी ने सोमवार को ईरान से अनुरोध किया कि वह अपने फैसले पर दोबारा विचार करे. इसके साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि सहयोग करने में नाकाम रहने के गंभीर नतीजे हो सकते हैं. ग्रोसी ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, "अगर वे आईएईए के साथ सहयोग नहीं करते तो उन्हें वह नहीं मिलेगा जो वह चाहते हैंः वह भरोसा, वह पुष्टि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मंजूरी ये सब जो वो देखना चाहते हैं वह नहीं मिलेगा."

पश्चिमी देशों का शक है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम हथियार बनाने के लिए है
ईरान के इस्फाहान में हेवी वाटर न्यूक्लियर रिएक्टर के लिए यूरेनियम फ्यूल तैयार करते कर्मचारीतस्वीर: AP

ईरान ने तय सीमा से ज्यादा इकट्ठा किया यूरेनियम

यूरोपीय संघ का कहना है कि वह इस घटना से बहुत चिंतित है. 2015 में दुनिया के ताकतवर देशों और ईरान के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने का वादा किया था. इसके बदले में ईरान को प्रतिबंधों से छूट मिलनी थी. हालांकि यह मामला तब बिगड़ गया जब 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस करार से निकलने की एकतरफा घोषणा कर दी और ईरान पर दोबारा से प्रतिबंध लगा दिए. इसके जवाब में ईरान ने अपना परमाणु कार्यक्रम फिर से तेज कर दिया. हालांकि वह लगातार यह कहता आया है कि उसका इरादा परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल करना नहीं है.

ईरान के साथ परमाणु करार को दोबारा बहाल कराने की कोशिशें अब तक नाकाम ही रही हैं.

एनआर/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)