पद्मावती पर कैंची चलाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
२० नवम्बर २०१७जस्टिस एएम खानविलकर और डीआई चंद्रचूड़ की बेंच ने फिल्म के आपत्तिजनक दृश्य काटने से इनकार करते हुए कहा, "इस याचिका पर हमारा दखल अपरिपक्व होगा, ऐसा हम नहीं करना चाहते हैं." सर्वोच्च अदालत में एडवोकेट एमएल शर्मा ने यह याचिका दायर की थी. शर्मा की दलील थी कि सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट लिए बिना ही फिल्म के गाने रिलीज कर दिये गए.
शर्मा ने अदालत से दरख्वास्त करते हुए कहा कि रिलीज से पहले रानी पद्मावती के कथित चरित्र हरण से जुड़े दृश्य हटाए जाने चाहिए. फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी थी. लेकिन अब फिल्म की प्रोड्यूसर कंपनी वायाकॉम ने रिलीज की तारीख आगे बढ़ा दी है. संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म में हिंदू रानी पद्मावती और मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी के काल को दर्शाया गया है. राजपूत सेना समेत कुछ हिन्दू संगठनों का आरोप है कि फिल्म में तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है और खिलजी को पद्मावती के प्रेमी के रूप में दर्शाया गया है.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने भी दीपिका पादुकोण के सिर पर 10 करोड़ रुपये का इनाम रखने का एलान किया है. हालांकि सोमवार को बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेता सूरज पाल आमू से अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा. पार्टी ने कहा कि दीपिका का सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये देने का एलान करने वाले आमू को सार्वजनिक रूप से माफी मंगानी होगी.
मध्य प्रदेश की सरकार फिल्म पर बैन लगाने का एलान कर चुकी है. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी अपने राज्य में फिल्म को अनुमति न देने का एलान कर चुके हैं. मौर्य कहते हैं, "एक मुस्लिम हमलावर को असली नायक के रूप में दर्शाना और हिंदू राजा और रानी को पीड़ित के रूप में कैसे दर्शाया जा सकता है? तथ्यों के लिहाज से यह सही नहीं है."
भारत के सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के प्रमुख अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक पद्मावती के प्रोड्यूसरों ने 10 नवंबर की डेट मांगी थी. लेकिन उस दिन फिल्म निर्माताओं को फिक्चर रिलीज करने के अनुमति नहीं मिली. श्रीवास्तव के मुताबिक प्रोड्यूसर यह नहीं बता सके कि फिल्म तथ्यों पर आधारित है या फिर काल्पनिक कहानी है.
ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)