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समाजएशिया

यूपी की कानून व्यवस्था पर उठ रहे हैं सवाल

आमिर अंसारी
२२ जुलाई २०२०

गाजियाबाद में एक पत्रकार के सिर पर इसलिए गोली मार दी जाती है क्योंकि उन्होंने अपनी भांजी के साथ छेड़खानी की शिकायत की थी. पत्रकार विक्रम जोशी की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. पुलिस के रवैये पर लोग सवाल उठा रहे हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/E.Topcu

यूपी में अब बदमाश छेड़ते भी हैं और शिकायत करने पर गोली भी मार देते हैं. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक पत्रकार को उन बदमाशों के खिलाफ शिकायत करना जानलेवा साबित हुआ, जिन्होंने उनकी भांजी के साथ छेड़खानी की थी. सोमवार रात 10.30 बजे के करीब बदमाशों ने पत्रकार विक्रम जोशी को गोली मार दी क्योंकि उन्होंने अपनी भांजी के साथ छेड़खानी की शिकायत पुलिस से की थी. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सोमवार 20 जुलाई की रात विक्रम जोशी जब अपनी दो बेटियों के साथ मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे, उसी दौरान कुछ बदमाशों ने उन्हें घेर लिया और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. यह सब उस वक्त हो रहा था जब उनकी दो बेटियां उनके साथ थीं. मारपीट के बाद आरोपियों ने जोशी के सिर पर गोली मार दी. उन्हें गंभीर हालत में गाजियाबाद के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी बुधवार 22 जुलाई को मौत हो गई.

जोशी के साथ जिस तरह से मारपीट की गई और उनके सिर पर गोली मारी गई वह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है. गाजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पत्रकारों से कहा, "परिवार का कहना है कि उन्होंने उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. चौकी इंचार्ज को लचर रवैये के कारण निलंबित कर दिया गया है." गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक हत्या के मामले में 9 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से अवैध हथियार भी बरामद किया है.

भांजी के साथ छेड़खानी की शिकायत करने पर एक नागरिक को सबक सिखाने और समाज में भय पैदा करने के इरादे से आरोपी दो छोटी बच्चियों के सामने उनके पिता के साथ मारपीट करते हैं और सिर पर गोली मार देते हैं. गाजियाबाद की इस घटना ने समाज के सभी वर्गों को परेशान किया है. पत्रकार, राजनीतिक दल और सामान्य नागरिक प्रदेश के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर लोग राज्य सरकार से सवाल कर रहे हैं कि विक्रम जोशी पुलिस से शिकायत करते रहे लेकिन पुलिस ने कार्रवाई तक नहीं की. जोशी की मौत के बाद बुधवार सुबह पत्रकारों के समूह ने इंसाफ की मांग करते हुए गाजियाबाद में प्रदर्शन भी किया. जोशी की भांजी ने एक चैनल को बताया कि आरोपी उसके साथ बीते दो-तीन साल से छेड़खानी कर रहे थे. उनकी भांजी ने बताया कि जब वह गली से गुजरती थी तो आरोपी उस पर भद्दी टिप्पणियां करते और परेशान करते.

उत्तर प्रदेश में एक पत्रकार की इस तरह से हत्या की विपक्षी दलों ने निंदा की है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी, और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं ने जोशी की हत्या पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरा है. कई नेताओं ने जोशी की हत्या के आरोपियों को कड़ी सजा देने की भी मांग की है.

हाल ही में गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर कर सुर्खियां बटोरने वाली यूपी पुलिस पर जोशी के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने शुरूआती जांच में कोताही बरती. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवार का कहना है कि पुलिस ने सिर्फ आरोपियों के बारे में पूछताछ की लेकिन उन्हें तलाशा नहीं.

दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतक पत्रकार के परिवार को 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. प्रदेश सरकार ने जोशी की पत्नी को नौकरी और बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का भी वादा किया है.

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