न्यूजीलैंडः भूकंप राहत कार्य में सेना जुटी
२२ फ़रवरी २०११मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि कई लोग मलबे में दबे हुए हैं. राहतकर्मी लोगों को मलबे से बाहर निकाल रहे हैं. न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की ने क्राइस्टचर्च के दौरे में कहा, "हम शायद न्यूजीलैंड के सबसे काले दिन के गवाह बन रहे हैं. इस समय मरने वालों की संख्या 65 है लेकिन यह बढ़ सकती है. इसे बयान करना मुश्किल है. एक शहर जो जोश से भरपूर था, वह धराशायी हो गया है."
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दोपहर के समय 6.3 तीव्रता का भूकंप आया. उस वक्त ज्यादातर लोग सड़कों पर या तो अपने दफ्तरों में थे. भूकंप के कारण इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं और सड़कों पर खड़े लोगों में हाहाकार मच गया. बस, कारें, गाड़ियां बुरी तरह से दब गईं. क्राइस्टच्रच के मेयर ने शहर को युद्ध क्षेत्र जैसा बताया. मेयर बॉब पार्कर ने कहा, "मृतकों की संख्या बढ़ेगी, बहुत लोग घायल होंगे." क्राइस्टचर्च शहर की जनसंख्या चार लाख हैं.
भयावह आपदा
यह भूकंप 1931 से अब तक की सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा है. उस समय उत्तरी द्वीप के शहर नेपियर में 256 लोग मारे गए थे. क्राइस्टचर्च के अस्पताल में कई घायलों को पहुंचाया गया है. कैंटरबरी हेल्थ बोर्ड के प्रमुख डेविड मीट्स ने बताया, "हमारे यहां आपात सेवा में बहुत लोगों को भर्ती किया गया है. कई को गंभीर चोटे हैं."
सेना भी राहत काम के लिए उतर आई है. कई डॉक्टर घायलों की चिकित्सा के लिए लगाए गए हैं जबकि सैनिक राहत काम में मदद कर रहे हैं. भूकंप के छह घंटे बाद मलबे से एक महिला को निकाला गया. स्थानीय टीवी टीवी3 न्यूज को इस महिला ने बताया, "मुझे लगा कि टेबल के नीचे मैं सुरक्षित हूं लेकिन फिर छत गिर गई. मैं हिल ही नहीं सकती थी. फिलहाल मैं बहुत डरी हुई हूं."
स्थानीय स्कूलों और रेस कोर्स में आपातकालीन शिविर लगाए गए हैं, क्योंकि वहां रात होने वाली है. भूकंप के बाद एक इमारत में लगी आग को बुझाने के लिए हेलिकॉप्टरों से पानी फेंका गया और तुरंत पास की इमारत से लोगों को निकाला गया. एक व्यक्ति जॉन गर ने बताया, "मैं चर्च के बाहर चौक में था. आगे का पूरा हिस्सा गिर गया और वहां से लोग भाग रहे थे. अंदर भी कुछ लोग थे."
अधिकारियों ने बड़े अस्पतालों को निर्देश दिया है कि भूकंप से घायल लोगों के लिए वह जगह बनाएं.
क्राइस्टचर्च गाद, रेत और बजरी से बना शहर है जिसके नीचे पानी है. भूकंप के दौरान जमीन में पानी का स्तर बढ़ जाता है. इसके कारण पानी रेत में मिल कर दलदल बना देता है. रास्ते और कभी कभी पूरी की पूरी कार जमीन में समा जाती हैं. टीवी चैनलों में देखा जा सकता था कि सड़कें किस तरह से रेत के रंग वाली सतह में बदल गई. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इस पर चलना रेत पर चलने जैसा था. कुछ ही महीने पहले आए भारी भूकंप में इमारतों को तगड़ी हानि पहुंची थी लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कोई व्यक्ति मारा नहीं गया, क्योंकि लोग अपने घरों से बाहर थे और काम पर जा रहे थे.
न्यूजीलैंड प्रशांत और इंडो ऑस्ट्रेलियाई टेक्टॉनिक प्लेट्स के बीच है. इस कारण यह भूकंप से प्रभावित इलाका है. इस इलाके में साल भर में 14 हजार भूकंप आते हैं. इनमें से करीब 20 की तीव्रता 5.0 की होती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एमजी