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नो बेंगलौर: ओबामा

५ मई २००९

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एलान किया है कि बेंगलौर जैसे शहरों में नौकरियां दे रही अमेरिकी कंपनियों को टैक्स में रियायत नहीं दी जाएगी. अंतरराष्ट्रीय टैक्स सुधार नीति का एलान करते हुए ओबामा आउटसोर्सिंग पर बरसे.

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आउटसोर्सिंग के ख़िलाफ़ ओबामातस्वीर: AP

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आउटसोर्सिंग के ज़रिए भारत, चीन और दूसरे देशों में रोजगार दे रही अमेरिकी कंपनियों को मिल रही टैक्स रियायत ख़त्म करने का ऐलान किया है. चुनाव से पहले किए अपने वादों को पूरा करते हुए ओबामा ने सोमवार को साफ किया कि उनकी सरकार ऐसी कंपनियों की संख्या कम करना चाहती है जो अमेरिका में न नौकरी दे रही, न टैक्स.

सोमवार को ह्वाइट हाउस में अंतरराष्ट्रीय कर सुधार नीति की घोषणा करते हुए ओबामा ने कहा कि, ''हम उन अमेरिकी कंपनियों को रोकेंगे जो अमेरिका में न तो रोजगार मुहैया करा रही है और न ही टैक्स दे रही है.''

ओबामा ने यह भी कहा कि उन अमेरिकी कंपनियों को टैक्स में रियायत दी जाएगी जो देश में नई खोज और विकास के क्षेत्रों में निवेश करेंगी. ताकि रोजगार के नए मौके सामने आएं और अमेरिकी कंपनियों की सेहत भी तंदुरुस्त रहे.

Infosys, Computertechnologie in Indien
अमेरिकी काम पर निर्भर भारत का आईटी क्षेत्रतस्वीर: AP

मौजूदा कर प्रणाली की भारी आलोचना करते हुए ओबामा ने कहा, ''यह ऐसी टैक्स नीति है जिसमें आपको बफेलो जैसे शहरों के बजाय बेंगलूर जैसे शहरों में रोजगार पैदा करें तो आपको टैक्स का कम भुगतान करना पड़ता है.''

माना जा रहा है कि नए टैक्स कानून की सीधी मार भारत, चीन और फिलीपीन्स जैसे देशों पर पड़ सकती है. इन देशों से अमेरिकी कंपनियां अपने काम आउटसोर्स करती हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के इस एलान के बाद माना जा रहा है कि बैंगलोर,नोएडा,गुड़गांव जैसे भारतीय शहरों में अमेरिकी कंपनियों की आउटसोर्सिंग पर असर पड़ सकता है. फिलहाल जनरल इलेक्ट्रिक्स, गूगल, इंटेल और ह्युलैट पैकर्ड जैसी नामी अमेरिकी कंपनियां बेंगलौर से ही अपना कारोबार चलाती हैं.

टैक्स को लेकर अमेरिका सरकार के रुख के बारे में कंपनियों के खातों की जांच पड़ताल करने वाली एक प्रमुख संस्था प्राइसवाटरहाउस कूपर्स के सलाहकारों में से एक ड्र्यू लियोन कहते हैं कि, ''इस फैसले से सबसे ज़्यादा नुकसान फॉर्च्यून 100 कंपनियों को होगा, क्योंकि विदेशों में बाज़ार तेज़ी से फैल रहा है.''


रिपोर्ट: ओ सिंह/रॉयटर्स

संपादन: आभा मोंढे