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नॉर्वे में आतंक के शिकारों की याद में मौन

२५ जुलाई २०११

आज पूरे नॉर्वे में लोग दो आतंकी हमलों में मारे गए लगभग 100 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखेंगे. बाद में हमले की बात मान लेने वाले अभियुक्त को अदालत में पेश किया जाएगा.

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तस्वीर: dapd

प्रधानमंत्री येंस श्टोल्टेनबर्ग ने रविवार को राजा हेराल्ड के साथ मुलाकात के बाद सोमवार को मृतकों की याद में पूरे देश में एक मिनट का मौन रखे जाने की घोषणा की. पड़ोसी स्वीडन की सरकार ने भी अपनी जनता से मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए दोपहर 12 बजे एक मिनट का मौन रखने का आह्वान किया है.

दोपहर बाद हमले का अपराध मान लेने वाले 32 वर्षीय अभियुक्त आंदर्स बेहरिंग ब्रेविक को ओस्लो में अदालत में पेश किया जाएगा. ब्रेविक ने शुक्रवार को उतोया द्वीप पर सत्ताधारी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के एक युवा कैंप में भाग ले रहे कम से कम 86 लोगों को भून डाला था. उसके ठीक पहले उग्र दक्षिणपंथियों द्वारा ओस्लो के सरकारी इलाके में रखे गए कार बम के धमाके में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई थी. प्रधानमंत्री श्टोल्टेनबर्ग का दफ्तर पूरी तरह नष्ट हो गया.

NO FLASH Norwegen Anschläge Juli 2011 Trauer
तस्वीर: dapd

आरंभिक जांच के अनुसार नरसंहार करने वालाअभियुक्त ने संभवतः अकेला अपराधी है और उसने अकेले ही अपराध को अंजाम दिया. समझा जाता है कि उसने 9 साल तक इस हमले की तैयारी की. पुलिस ने अपराधी की मंशा के बारे संयमित टिप्पणी की. उसे इंटरनेट में अभियुक्त का 1500 पेज का मेनिफेस्टो मिला है.

अधिकारियों द्वारा ईसाई कट्टरपंथी बताया जा रहे अभियुक्त ने राजधानी ओस्लो के निकट स्थित छोटे से द्वीप पर जमा 700 युवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच भारी खूनखराबा किया. असहिष्णुता के खिलाफ हो रहे युवा सम्मेलन में उसने गोलीबारी कर कम से कम 86 लोगों की हत्या कर दी या उन्हें समुद्र में मरने के लिए भागने पर मजबूर कर दिया.गोली लगने के बावजूद जीवित बच गए कैंप के आयोजक 21 वर्षीय आड्रियान प्रैकोन ने बाद में कहा, "हर कोई अपनी जान बचाने भागा और तैर कर भागने की कोशिश की."

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पुलिस पर तुरंत कार्रवाई न करने के आरोप लग रहे हैं. हालांकि पुलिस को द्वीप पर हमले की खबर मिल गई थी लेकिन एक आतंकवाद विरोधी टुकड़ी को काम लायक नौका नहीं मिली. जब पुलिस एक घंटे बाद वहां पहुंची तो ब्रेविक ने खुद को आसानी से गिरफ्तार होने दिया. हालांकि वह एक घंटे से अंधाधुंध गोली चला रहा था, उसके पास गिरफ्तारी के समय भी भारी मात्रा में गोलियां थीं. पुलिस ने दावा किया है कि उसके तेज और कुशल हस्तक्षेप से नरसंहार के और भयानक नतीजे को रोका जा सका.

नॉर्वे की घटना के बाद जर्मनी में भी घबराहट फैल गई. गृहमंत्री हंस पेटर फ्रीडरिष ओस्लो के हमले के बाद जर्मनी में उग्र दक्षिणपंथी खतरा नहीं देखते, लेकिन संसद में गृहनैतिक आयोग के प्रमुख वोल्फगांग बोसबाख ऐसे हमलों की संभावना से इंकार नहीं करते. उन्होंने कहा, "इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि हमारे यहां भी ऐसे घृणा से भरे गुट और लोग हैं." जर्मन पुलिस ट्रेड यूनियन के प्रमुख बैर्नहार्ड विटहाउट ने संदेहास्पद व्यक्तियों की एक सूची बनाने की मांग की है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एस गौड़

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