नीचे तालिबान, ऊपर अफगान महिला की उड़ान
रिफ्यूजी कैंप में जन्म लेने वाली एक बच्ची आज अफगानिस्तान की होनहार महिला पायलट है. अब वह एक नई ऊंचाई छूने की तैयारी कर रही है.
29 साल की शाइस्ता वाइज अकेले उड़ान भरते हुए पूरी दुनिया का चक्कर काटना चाहती हैं. अगर वह सफल हुई तो वह ऐसा करने वाली सबसे युवा महिला पायलट बन जाएंगी.
शाइस्ता, अफगानिस्तान की सबसे कम उम्र की महिला पायलट भी हैं. मई के मध्य में उन्होंने फ्लोरिडा से अपने मिशन के लिए उड़ान भरी.
वर्ल्ड टूर के दौरान शाइस्ता 25,800 किलोमीटर लंबा सफर तय करेंगी. इस दौरान वह 18 देशों से गुजरेंगी. इनमें स्पेन, मिस्र, भारत, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं.
बीचक्राफ्ट बोनांजा A36 विमान में उड़ान भरने वाली शाइस्ता बीच बीच में 30 बार स्टॉपओवर करेंगी. इस दौरान वह आराम भी करेंगी और विमान में ईंधन डलवाएंगी.
अफगानिस्तान में सोवियत संघ के दखल के बाद शाइस्ता के परिवार ने देश छोड़ दिया. इस दौरान उनका जन्म एक शरणार्थी शिविर में हुआ. 1987 में परिवार अमेरिका पहुंचा.
स्कूल में पढ़ाई के दौरान शाइस्ता की उड़ान में दिलचस्पी जागी. उन्होंने पायलट बनने के लिए जरूरी जानकारी जुटाई और गणित व विज्ञान की पढ़ाई दिल लगाकर शुरू कर दी.
शाइस्ता इस उड़ान के जरिये महिलाओं और बच्चों में विज्ञान के प्रति दिलचस्पी जगाना चाहती हैं. टूर पूरा करने के बाद वह स्कूली बच्चों को एयरोनॉटिक्स की बारीकियां सिखायेंगी.
शाइस्ता कहती हैं, "जब भी मैं विमान का दरवाजा खोलती हूं तब पूछती हूं कि मेरी पृष्ठभूमि वाली लड़की इतनी भाग्यशाली कैसे हो गई. सच तो यह है ऐसा सबके साथ हो सकता है."