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नाटो का लीबिया मिशन पूरा, मानवाधिकारों पर नसीहत

२८ अक्टूबर २०११

लीबिया में नाटो ने अपने अभियान की समाप्ति के साथ ही देश की नई सरकार से मानवाधिकारों पर आधारित लोकतंत्र कायम करने को कहा है. 42 साल तक चले मुअम्मर गद्दाफी के शासन के बाद नई सरकार के सामने देश को एकजुट रखने की चुनौती है.

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लीबिया में सात महीने चला नाटो का अभियानतस्वीर: dapd

नाटो के युद्धक विमान सोमवार को लीबिया में अपना अभियान खत्म कर देंगे. उन्होंने सात महीने तक चले अभियान के दौरान लीबिया में 26,000 से ज्यादा उड़ानें भरीं और 6,000 लक्ष्यों पर बमबारी की. इसी के चलते विद्रोही मुअम्मर गद्दाफी और उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने में कामयाब रहे.

कामयाब रहा मिशन

नाटो के महासचिव अंदर्स फो रासमुसेन ने एक बयान में कहा, "हम पूरी तरह से संयुक्त राष्ट्र के उस जनादेश से बंधे रहे जिसका मकसद लीबिया के लोगों को बचाना, नो फ्लाइ जोन कायम करना और हथियारों की सप्लाई को रोकना था. ऑपरेशन यूनिफाइड प्रोटेक्टर नाटो के इतिहास में सबसे सफल अभियानों में से एक है. हम इसे नियोजित और नियंत्रित तरीके से खत्म कर रहे हैं क्योंकि हमारी सैन्य जिम्मेदारी पूरी हो गई है."

लीबिया का संघर्ष 20 अक्टूबर को उस वक्त विवादास्पद तरीके से पूरा हुआ जब गद्दाफी को उनके गृह नगर सिर्त में पकड़ कर कत्ल कर दिया गया. लीबिया की राष्ट्रीय अंतरिम परिषद (एनटीसी) के हर पश्चिमी सहयोगी ने इसकी आलोचना की. भारी दबाव के बीच एनटीसी ने गद्दाफी के हत्यारों के खिलाफ मुकदमा चलाने का एलान किया. इससे पहले एनटीसी बराबर इस बात को कह रही थी गद्दाफी खुद उनके अपने समर्थकों से हुई गोलीबारी में मारे गए.

Libyen nach dem Tode Gaddafis Flash-Galerie
लीबिया में 42 साल गद्दाफी की सत्ता रही जिसके खत्म होने की लीबिया की आजादी का नाम दिया जा रहा हैतस्वीर: dapd

एनटीसी के उपाध्यक्ष अब्देल हफीज घोगा ने कहा, "हमने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि मानवाधिकारों के हनन की एनटीसी जांच कराएगी. जो भी (गद्दाफी की मौत) का जिम्मेदार होगा जिसके खिलाफ निष्पक्ष रूप से मुकदमा चलेगा." नाटो ने अपने अभियान के दौरान गद्दाफी को निशाना बनाने से इनकार किया. जब गद्दाफी का काफिला सिर्त से भाग रहा था तो वह गठबंधन सेना के हमलों का निशाना बना जिसके बाद उन्हें पकड़ा या मारा गया.

नए लीबिया के निर्माण की जरूरत

रासमुसेन ने कहा कि लीबिया के लोगों ने अपने देश को आजाद कर लिया जो पूरे क्षेत्र के लिए एक बदलाव है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा, "उन्हें अभी और बहुत सारा काम करना है. उन्हें मेलमिलाप, मानवाधिकारों और कानून के राज के आधार पर एक नए लीबिया का निर्माण करना है. एक लोकतांत्रिक लीबिया, उसके सभी लोगों के लिए."

पश्चिमी सैन्य संगठन नाटो ने पिछले हफ्ते शुरुआती फैसला लिया कि लीबिया अभियान को 31 अक्टूबर को खत्म कर दिया जाए क्योंकि गद्दाफी की मौत और पुरानी सरकार के चले जाने के बाद अब आम लोगों को किसी तरह के हमलों का डर नहीं है. इससे पहले गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एकमत से उस जनादेश को खत्म कर दिया जिसके तहत लीबिया में सैन्य कार्रवाई की अनुमति दी गई. नाटो का अभियान लीबिया के समयानुसार सोमवार को दोपहर 11.59 बजे खत्म हो जाएगा.

लीबिया के अभियान को लेकर संयुक्त राष्ट्र में मतभेद रहे क्योंकि रूस, चीन, ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने नाटो पर जनादेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. रासमुसेन ने कहा कि सोमवार तक नाटो के विमान जमीनी स्थिति की निगरानी करते रहेंगे कि कहीं आम लोगों के लिए किसी तरह का खतरा तो नहीं है.

Libyen Jubel in Sirte nach der Festnahme von Muammar al Gaddafi
तस्वीर: dapd

नाटो मदद को तैयार

वैसे लीबिया के नेता मुस्तफा अब्देल जलील ने नाटो से कहा कि वह इस साल के अंत तक देश में तैनात रहे क्योंकि गद्दाफी के वफादार अब भी एक चुनौती हैं. जलील की आशंकाओं को इन रिपोर्टों से भी बल मिलता है कि गद्दाफी दौर में खुफिया सेवा के प्रमुख अब्देल अल सेनुसी नाइजर से भाग कर माली चले गए हैं. यह अभी साफ नहीं है कि गद्दाफी के बेटे और संभावित उत्तराधिकारी समझे जाने वाले सैफ अल-इस्लाम भी सेनुसी के साथ हैं या नहीं. अपने पिता की मौत के बाद सैफ के नाइजर में छिपे होने की खबरें मिलीं.

पश्चिमी देशों का ध्यान अब इस बात पर है कि कैसे लीबिया की नई सरकार की मदद की जाए. रासमुसेन ने नाटो की इस पेशकश को दोहराया कि वह लीबिया के सुरक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाने में मदद दे सकता है. लेकिन नाटो ने जमीन पर अपने सैनिक उतारने की संभावनाओं से इनकार किया है. नाटो के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ सदस्य देश वायु क्षेत्र प्रबंधन और सीमाओं के नियंत्रण में एनटीसी की मदद कर सकते हैं, लेकिन वे नाटो की छतरी से बाहर जा कर ऐसा नहीं करेंगे.

रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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