दक्षिण एशिया से कुछ संदेश
भारत, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका में हमारे कुछ पाठक बताते हैं कि उन्हें डीडब्ल्यू इतना पंसद क्यों है.
भारत से आहलियान
मैं डीडब्ल्यू इस्तेमाल करता हूं क्योंकि मुझे जर्मनी पसंद है और मैं एक जर्मन विश्वविद्यालय में पीएचडी करना चाहता हूं. मुझे जर्मन संस्कृति और समाज में भी दिलचस्पी है.
बांग्लादेश से आशिक
मैं डीडब्ल्यू देखता हूं क्योंकि मैं केवल इसके जरिए जर्मनी से संपर्क रख सकता हूं. डीडब्ल्यू की खबरें निष्पक्ष होती हैं और विस्तार से पेश की जाती हैं, ये मुझे पसंद है.
पाकिस्तान से आजम अली
डीडब्ल्यू बाकी समाचार एजेंसियों से बेहतर है और मैं उम्मीद करता हूं कि यह भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा.
जॉर्डन से एम्मान
मुझे डीडबल्यू हमेशा रोमांचक लगता है. इससे कई विषयों में मेरी दिलचस्पी बढ़ी है. और कई ऐसे मुद्दे जिन्हें मैं पहले बोर समझता था, वह अब मुझे अच्छे लगते हैं.
पाकिस्तान से फारुख मुहम्मद
डीडब्ल्यू इस दुनिया में मेरी तीसरी आंख है. वह हमेशा मेरे पास रहता है, मेरी जेब और मेरे कंप्यूटर पर.
भारत से जयशक्तिवेल
मैं डीडब्ल्यू का इस्तेमाल करता हूं क्योंकि इसमें कुछ 'स्वादिष्ट' खबरें होती हैं. बाकी एजेंसियों के मुकाबले यहां की खबरें दिलचस्प हैं."
भारत से जयश्री
डीडब्ल्यू कभी न खत्म होने वाली वेबसाइट है. क्योंकि जैसे ही आप वहां जाते हैं तो आपको नई चीजें और नई जानकारी मिलती है.
भारत से सुदेशना
मैं डीडब्ल्यू की कई भाषाओं की वेबसाइट देखती हूं. मुझे पता चलता है जर्मनी की सुंदरता के बारे में और दुनिया में क्या हो रहा है, इसके बारे में.
नेपाल से उमेश
मुझे डीडब्ल्यू और उनके यूजर के बीच संपर्क बहुत ही अच्छा लगता है.
श्रीलंका से विक्टर
मुझे डीडब्ल्यू से पता चला कि जर्मन बहुत ही संतुलित हैं, कि वह नाजी या नवनाजी नहीं है बल्कि बहुत ही शालीन लोग हैं.“