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"त्रिपोली सरकार के नियंत्रण में है"

२३ अगस्त २०११

लीबियाई शासक मुअम्मर अल गद्दाफी के बेटे सैफ अल गद्दाफी ने कहा है कि राजधानी त्रिपोली सरकार के नियंत्रण में है. वहीं विद्रोहियों का दावा है कि उन्होंने राजधानी के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर दिया है और गोलीबारी जारी है.

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सैफ अल इस्लाम गद्दाफीतस्वीर: dapd

सोमवार को दावा किया गया कि सैफ अल इस्लाम गद्दाफी को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन मंगलवार को उन्होंने फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी के संवाददाता और दो अन्य पत्रकारों से मुलाकात की है. उन्होंने कहा, "त्रिपोली हमारे नियंत्रण में है. हर किसी को निश्चिंत रहना चाहिए. त्रिपोली में सब कुछ ठीक है." सैफ अल इस्लाम ने ये बातें अपने पिता के बाब अल-अजीजिया परिसर के बाहर मंगलवार तड़के कही.

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) के अभियोजक लुई मोरेनो ओकांपो ने सैफ अल इस्लाम को गिरफ्तार किए जाने का दावा किया. आईसीसी को मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों में सैफ अस इस्लाम की तलाश है और उसने वारंट जारी कर रखा है.

सैफ अल इस्लाम ने कहा, "आपने देख लिया है कि कैसे लीबियाई लोग त्रिपोली में घुसे विद्रोहियों से लड़ने के लिए खड़े हुए हैं." उन्होंने राजधानी में गद्दाफी के समर्थकों और विद्रोहियों के बीच जारी घमासान की तरफ इशारा करते हुए यह बात कही. सैफ अल इस्लाम ने कहा कि पश्चिम के पास उच्च तकनीक है जिसकी बदौलत दूरसंचार तंत्र को बाधित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रविवार को त्रिपोली के लोगों को लिखित संदेश भी भेजा गया जिसमें कहा गया कि सरकार गिर चुकी है. खाकी कमीज पहने सैफ अल इस्लाम ने कहा, "तकनीक और मीडिया के युद्ध के जरिए लीबिया में अव्यवस्था और आतंक फैलाया जा रहा है."

Libyen Gaddafi Sohn Saif al-Islam in Tripolis
तस्वीर: AP

'झूठ का पर्दाफाश'

सैफ अल इस्लाम ने दावा किया कि सोमवार को जब विद्रोहियों ने गद्दाफी के परिसर पर हमला बोला तो उन्हें बहुत सी जानें गंवानी पड़ीं. अपनी गिरफ्तारी की खबरों के बारे में उन्होंने कहा, "मैं यहां झूठों का पर्दाफाश करने आया हूं."

इस बीच मुअम्मर गद्दाफी के सबसे बड़े बेटे मोहम्मद गद्दाफी भी बच निकले हैं. वॉशिंगटन में लीबियाई राजदूत ने सीएनएन को यह खबर दी है. मोहम्मद गद्दाफी को भी गिरफ्तार किए जाने की खबर थी. लीबियाई विद्रोहियों की परिषद से जुड़े अली सुलेमान औजाली ने बताया कि कि संभवतः मोहम्मद को गद्दाफी की सेनाएं ले गई हैं. एक वरिष्ठ विद्रोही सूत्र ने भी इस खबर की पुष्टि की है. सूत्र के मुताबिक, "हां, यह सच है कि वह बच निकला है."

कहां हैं गद्दाफी

यह साफ नहीं है कि मुअम्मर अल गद्दाफी कहां हैं. सोमवार को सूरज डूबते ही बिजली आपूर्ति कटने की वजह से पूरा शहर अंधेरे में डूब गया. सिर्फ गद्दाफी के परिसर पर रोशनी दिखी. इसके अलावा भूमध्य सागर पर बसे त्रिपोली में गोलीबारी की आवाजें लगातार सुनाई देती रहीं. रविवार को गद्दाफी के तीन ऑडियो संदेश प्रसारित किए गए, जिनमें उन्होंने आत्मसमर्पण न करने की बात कही और त्रिपोली के लोगों से कहा कि वे त्रिपोली की 'सफाई करें'.

वहीं विद्रोहियों ने शहर में घुस कर तट के नजदीक ग्रीन स्क्वैयर पर कब्जा कर लिया. विद्रोहियों के प्रमुख मुस्तफा अब्देल जलीली ने अपने गढ़ पूर्वी शहर बेनगाजी में बताया, "गद्दाफी का दौर खत्म हुआ." छह महीनों से जारी लड़ाई के बाद विद्रोही त्रिपोली में दाखिल हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि तानाशाह को जिंदा पकड़ा जाएगा ताकि उनके 'खिलाफ निष्पक्ष मुकदमा चल सके'.

Libyen Massenmenschen feiern Gaddafi Untergang Flash-Galerie
तस्वीर: Picture-Alliance/dpa

रिपोर्टों के बावजूद सैफ अल इस्लाम अपने पिता के परिसर के बाहर बनी इमारत में पत्रकारों से बातचीत करने आए. उनके बैठने की जगह के पीछे गद्दाफी समर्थकों ने हरे झंडे लगाए हुए थे. कॉफी टेबल पर लीबिया का छोटा सा झंडा भी लगा था. कुरान और गद्दाफी की ग्रीन बुक की एक एक प्रति भी रखी थी. 1975 में लिखी गई ग्रीन बुक में गद्दाफी ने अपने दर्शन को पेश किया.

चीनी प्रोजेक्ट रुके

उधर चीन की सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनी ने युद्ध से जूझ रहे लीबिया, सीरिया और अरब दुनिया के दूसरे अशांत देशों में अपनी छह बड़ी परियोजनाओं को बंद कर दिया है. सरकारी मीडिया के मुताबिक खासकर इस फैसले की वजह त्रिपोली में गद्दाफी शासन का खात्मे के कगार पर पहुंचना है.

बीजिंग टाइम्स के मुताबिक लीबिया, नाइजर, सीरिया और अल्जीरिया में ग्रेट वॉल ड्रिलिंग कंपनी के प्रोजेक्ट चल रहे थे. यह चीन के विशाल चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनी है. कंपनी सूत्रों के हवाले से खबर में कहा गया है कि इन परियोजनाओं को राजनीतिक अस्थिरता और कर्मचारियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए रोक दिया गया है.

खबर में यह नहीं बताया गया है कि ये परियोजनाएं किस तरह की थी लेकिन यह जरूर कहा गया है इस फैसले से सरकार को 1.2 अरब युआन यानी 18.9 करोड़ डॉलर का नुकसान होगा. उधर लीबिया में जारी संकट के कारण एशिया के बाजारों में कच्चे तेल के दाम बढ़ गए हैं. कारोबारी वहां की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ए कुमार

संपादन: महेश झा

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