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तेलंगाना में बड़े पैमाने पर विधायकों के इस्तीफे

४ जुलाई २०११

अलग तेलंगाना राज्य की मांग के लिए आंदोलन फिर नई रफ्तार पकड़ रहा है. आंध्र प्रदेश विधानसभा में तेलंगाना से कांग्रेस के चार मंत्रियों समेत 37 विधायकों ने इस्तीफे दिए. टीडीपी के 28 विधायकों के भी त्यागपत्र.

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तस्वीर: UNI

संसद सदस्यता से इस्तीफा देने की योजना बना रहे सात कांग्रेसी सांसद लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार के साथ बैठक के लिए देरी से पहुंचे. मीरा कुमार ने कुछ देर सांसदों का इंतजार किया लेकिन उनके न आने की वजह से वह लौट गईं. वहीं आंध्र प्रदेश के चार मंत्रियों के जना रेड्डी, जे गीता रेड्डी, पुनल्ला लक्ष्मीया और वेंकट रेड्डी ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया. ये मंत्री अलग तेलंगाना राज्य के गठन की मांग कर रहे हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे विधानसभा के उपसभापति को सौंपे. कांग्रेस के कई अन्य विधायकों के इस्तीफा देने की रिपोर्टें हैं.

अलग राज्य न बनाए जाने पर तेलगुदेशम पार्टी (टीडीपी) भी अपना विरोध तेज कर रही है. पार्टी के 28 विधायकों ने अलग राज्य की मांग करते हुए इस्तीफा दे दिया. टीडीपी विधायकों ने आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपसभापति मल्लू भट्टी विक्रमार्का को अपने इस्तीफे सौंपे. तेलंगाना क्षेत्र से पांच टीडीपी विधायकों के और इस्तीफा देने की उम्मीद है. अभी वे अमेरिका में एक सम्मेलन में हिस्सा लेने गए हैं.

कांग्रेस से बगावत कर पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी के बेटे जगन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक कोंडा सुरेखा ने मांग की है कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव और सांसद विजयाशांति 48 घंटों के भीतर इस्तीफा दे दें.

कांग्रेस के तेलंगाना क्षेत्र से संसद के दोनों सदनों में 12 सांसद हैं. वैसे सभी सांसदों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे संसद सदस्यता से इस्तीफा देना चाहते हैं, कांग्रेस पार्टी से नहीं. सांसदों के मुताबिक लोकसभा सभापति से मुलाकात के लिए फिर समय लिया जाएगा. कांग्रेस के महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि वह विधायकों के साथ बातचीत कर उन्हें मनाने का प्रयास करेंगे.

2009 में विरोध प्रदर्शनों के बाद केंद्र सरकार ने अलग तेलंगाना राज्य की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की. लेकिन आंध्र प्रदेश के अन्य हिस्सों से जब इसके विरोध में मांग उठी तो पार्टी ने यू टर्न ले लिया. इसके बाद यूपीए सरकार ने श्रीकृष्ण आयोग बनाया जिसने आंध्र प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में जाकर लोगों से बात की और उनकी राय जाननी चाहिए. कमीशन ने सरकार के सामने छह विकल्प रखे लेकिन तब से सरकार उन विकल्पों पर विचार करने की ही बात कह रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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