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डोर्टमुंड के डेरे से

२१ अगस्त २००९

बोरोसिया डोर्टमुंड जर्मनी के उन फ़ुटबॉल क्लबों में से है, जो अपने शहर के आम लोगों की जीवन शैली से गहरे रूप से जुड़े हुए हैं. अधिकतर ऐसे क्लब राइन और रूर क्षेत्र के हैं.

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सौ साल का सफ़रतस्वीर: AP

और कोई अचरज नहीं कि रूर क्षेत्र के दूसरे ऐसे क्लब शाल्के 04 के साथ डोर्टमुंड की लंबे अरसे से प्रतिस्पर्धा है.

1909 में स्थापित बोरोसिया डोर्टमुंड क्लब बुंडेसलीगा के सफल क्लबों में से एक माना जाता है, हालांकि सन 2002 के बाद से वह चैंपियन नहीं बन पाया है. 1966 में यूरोपीय स्तर पर वह पहला जर्मन क्लब था, जो कप विनर्स कप का विजेता बना था.

इसके अलावा 1997 में उसे चैंपियंस लीग और इंटरकंटिनेंटल कप में जीत मिली थी. पिछले साल उसे लीग तालिका में छठा स्थान मिला था. वैसे इससे अधिक उम्मीद भी नहीं की जा रही थी.

पिछले साल से युर्गेन क्लॉप्प टीम के कोच हैं, और उनके निर्देशन में बोरोसिया डोर्टमुंड नौजवान खिलाड़ियों के बल पर टीम बनाने की कोशिश कर रहा है. इस समय क्लब के लगभग 33 हज़ार सदस्य हैं. सिग्नल इडुना पार्क के रूप में क्लब का एक विशाल स्टेडियम है, जहां 80,552 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है.

टीम के कप्तान सेबास्तियान केल के अलावा टीम में फ़िलहाल नामी-गिरामी खिलाड़ी कम हैं. एक ज़माने में इस टीम में माथियास ज़ाम्मर या ऐंडी म्योलर जैसे मशहूर खिलाड़ी हुआ करते थे. माथियास ज़ाम्मर डोर्टमुंड टीम के अकेले ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें यूरोप के स्तर पर वर्ष का सर्वश्रेष्ठ फ़ुटबॉल खिलाडी चुना गया था.

लेखक: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: एस जोशी