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डोपिंग के बाद भारत के छह एथलीटों पर पाबंदी

२३ दिसम्बर २०११

एशियाई खेलों में दोहरा स्वर्ण पदक जीतने वाली अश्विनी अकुंजी सहित भारत की छह महिला एथलीटों को डोपिंग के बाद साल भर के लिए बैन कर दिया गया है. इसके साथ ही उनका ओलंपिक में हिस्सा लेने का सपना खत्म हो गया.

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तस्वीर: DW-Montage/fotolia.com/Kaarsten

नई दिल्ली में जब राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी के मुख्यालय में उन्हें सजा सुनाई गई, तो मध्यम दूरी की सभी दौड़ाक, मंदीप कौर, सिनी जोस, मेरी थियाना थोमस, प्रियंका पवार, जौन मुर्मू और अकुंजी में से कोई भी वहां मौजूद नहीं था. उन पर प्रतिबंधित एस्टेरॉयड लेने का आरोप साबित हो चुका है.

अब ये सभी एथलीट नाडा पैनल में अपील कर सकते हैं. लेकिन उनके वकील का कहना है कि इससे पहले वह फैसले को बारीकी से देखना चाहेंगे. नाडा के पैनल हेड दिनेश दयाल ने कहा कि इन खिलाड़ियों को कम सजा दी गई है क्योंकि उन्होंने जान बूझ कर प्रतिबंधित दवाइयों का सेवन नहीं किया है. पहली बार गलती करने वाले को दो साल की अधिकतम सजा दी जा सकती है.

दयाल ने कहा, "हमने इन सभी एथलीट को डोपिंग उल्लंघन मामले में धारा 2.1 का दोषी पाया है. उनका निलंबन आज ही शुरू हो रहा है और यह उनकी सजा की मीयाद में भी गिना जाएगा." मतलब इस दौरान ये एथलीट ऊपर अपील कर सकती हैं.

उन्होंने कहा, "हमें अभी भी पक्के तौर पर नहीं पता लग पाया कि इन एथलीटों के शरीर में ये प्रतिबंधित पदार्थ कैसे पहुंचा. इसलिए नाडा की धारा 10.5.2 के तहत उन्हें घटी हुई सजा दी जा रही है. दो एथलीटों मेरी थियाना और जौन मुर्मू का दो बार मई और जून में परीक्षण किया गया और उन्हें इस वजह से दो बार दोषी नहीं साबित किया जा सकता है."

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तस्वीर: dpa

अकुंजी ने एशियाई खेलों में 400 मीटर बाधा दौड़ और 4X400 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है. उनसे भारत को काफी उम्मीद थी लेकिन अब वे लंदन ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगी. उनकी सजा तीन जुलाई 2012 को पूरी होगी क्योंकि यह इस साल चार जुलाई को ही शुरू हो चुकी है. हालांकि ओलंपिक इसके बाद होना है लेकिन प्रतिबंधित होने के कारण उन्हें टीम में नहीं रखा जा सकेगा.

भारतीय एथेलेटिक फेडरेशन के एक अधिकारी ने बताया कि ओलंपिक क्वालीफिकेशन का वक्त दो जुलाई को खत्म हो जाएगा. आखिरी क्वालीफाइंग इवेंट 29 और 30 जून को होगा. अधिकारी ने बताया कि वैसे भी पाबंदी का वक्त खत्म होने के बाद उन्हें एक टेस्ट पास करना होगा, जो तीन बार में पूरा होता है.

हालांकि एक हल्की सी उम्मीद की रेखा अभी भी बनी हुई है. अगर प्रतिबंधित खिलाड़ियों की जगह पर आए खिलाड़ी इसमें क्वालीफाई कर लेते हैं तो कुछ बात बन सकती है क्योंकि मुख्य इवेंट में कौन हिस्सा लेगा, इसका फैसला एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) ही करता है.

नाडा के महानिदेशक राहुल भटनागर ने बताया कि नए नियमों के तहत सिर्फ एक ही टेस्ट किया जाएगा. उन्होंने कहा, "हम लोग नाडा के नियमों का पालन करेंगे. हम एक ही टेस्ट करेंगे, जो उनकी पाबंदी वाली अवधि खत्म होने के अगले दिन किया जाएगा. इसके नतीजे 48 घंटे में आ जाएंगे." मंदीप भी उस टीम में शामिल थीं, जिसने एशियाड में 4X400 मीटर की बाधा दौड़ का स्वर्ण जीता है. उन्हें 23 जून को सस्पेंड किया गया है. मुर्मू भी उसी दिन निलंबित हुईं.

बाधा दौड़ की टीम में शामिल जोस और मेरी तियाना थोमस को 30 जून को निलंबित किया गया. प्रियंका पंवार और अकुंजी को चार जुलाई को निलंबित किया गया था.

रिपोर्टः एएफपी, पीटीआई/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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