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डैनियल पर्ल की हत्या के आरोपी को रिहा करने का आदेश

२४ दिसम्बर २०२०

पाकिस्तान की एक अदालत ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या के आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया है. सिंध हाईकोर्ट के इस फैसले ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलट दिया है.

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Ahmed Omar Saeed Sheikh
तस्वीर: AFP/A. Quereshi

अहमद उमर सईद शेख को डैनियल पर्ल की हत्या के मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रमुख संदिग्ध माना था और कहा कि शेख को हिरासत में रहना चाहिए. इस साल शेख को सिंध की अदालत ने हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया. अदालत ने माना था कि गलत सबूतों के आधार पर शेख और बाकियों को दोषी करार दिया गया. इस फैसले के बाद चारों लोगों को रिहा हो जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इस फैसले के खिलाफ पर्ल के परिजनों की अपील पर उन्हें हिरासत में ही रखा गया.

शेख के वकील महमूद ए शेख ने अपने मुवक्किल की तुरंत रिहाई की मांग की है. पर्ल परिवार के वकील फैसल सिद्दिकी का कहना है,"हिरासत में रखने के आदेश को रद्द कर दिया गया है." शेख को अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद रिहा कर दिया जाए हालांकि अगर पर्ल का परिवार शेख को दोषमुक्त किए जाने के फैसले को पलटवाने में सफल रहता है तो उसे फिर जेल जाना होगा.

US-Reporter Daniel Pearl in Pakistan entführt
डैनियल पर्लतस्वीर: picture-alliance/dpa/Washington Post

सईद शेख को हत्या में उनकी भूमिका के लिए मौत की सजा और तीन दूसरे लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. इस साल अप्रैल में सिंध हाई कोर्ट ने शेख और बाकियों को भी दोषमुक्त कर दिया. कोर्ट के इस फैसले से अमेरिका की सरकार, पर्ल का परिवार और पत्रकार जगत के लोग सन्न रह गए. अब दोषमुक्त किए जाने को सरकार और पर्ल के परिवार दोनों ने अलग अलग चुनौती दी है. सरकार ने शेख की रिहाई का भी विरोध किया है. सरकार का कहना है कि इससे आम लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 5 जनवरी से सुनवाई शुरू करेगा.

पर्ल को दक्षिणी पाकिस्तान के कराची में एक मुलाकात के लिए लुभाया गया और इसी दौरान उन्हें अगवा कर लिया गया. पर्ल पाकिस्तानी आतंकवादियों और रिचर्ड सी रीड के बीच संपर्क सूत्रों की तलाश कर रहे थे. रिचर्ड सी रीड को शू बॉम्बर भी कहा जाता है उसने अपने पैरों में विस्फोटक छिपा कर पेरिस से मियामी के बीच उड़ान भरने वाले विमान को उड़ाने की कोशिश की थी.

पर्ल का सिर काट कर उसकी हत्या की गई और इसका वीडियो अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को भेजा गया. 38 साल के पर्ल वाल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर थे और तब वह दिल्ली में रह कर दक्षिण एशिया संवाददाता के रूप में काम कर रहे थे. उन्हें 23 जनवरी 2002 को अगवा किया गया. पर्ल पश्चिमी देशों के उन पत्रकारों में शामिल थे जिन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान का शासन उखड़ने के बाद पाकिस्तान का दौरा किया था.
एनआर/ओएसजे(एपी,डीपीए)

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