1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा

१ नवम्बर २०१९

झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की शुक्रवार को घोषणा होने के साथ ही राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है. झारखंड की 81 सीटों के लिए पांच चरणों में होने वाला मतदान 30 नवंबर से शुरू होगा और मतगणना 23 दिसंबर को होगी.

https://p.dw.com/p/3SLBq
Indien Wahlkommission
तस्वीर: DW/O. Singh Janoti

चुनाव की घोषणा के बाद छठ पूजा के दौरान ही अचानक यहां राजनीतिक कार्यालयों में सरगर्मी बढ़ गई है. सभी दल चुनाव की घोषणा का स्वागत करते हुए पूरी तरह तैयार होने की बात कह रहे हैं, परंतु अब तक ना तो सत्ताधारी गठबंधन की स्थिति स्पष्ट है और ना ही विपक्षी दलों के महागठबंधन की.

इस चुनाव में मुख्यमंत्री रघुबर दास के नेतृत्व में भारतीय जनता पाटी (बीजेपी) लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी को लेकर 'अबकी बार 65 पार' के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरने के लिए बेताब है. दूसरी तरफ जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और विपक्षी दल बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव के नतीजे से उत्साहित बीजेपी अपनी सहयोगी पार्टी, ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) के साथ मिलकर चुनाव में उतरने की बात कर रही है, परंतु अब तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.

Indien Wahlkommission
तस्वीर: DW/O. Singh Janoti

बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल कुमार शाहदेव कहते हैं कि "भाजपा की तैयारी पूरी है. बीजेपी और एजेएसयू मिलकर 65 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे."

हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी और एजेएसयू  और आजसू में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बनी है. कई सीटों पर पेंच फंसा हुआ है.

एजेएसयू के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि अन्य पार्टियों के विधायकों के बीजेपी में आ जाने के कारण कुछ सीटों पर दोस्ताना संघर्ष की उम्मीद बढ़ गई है.

जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सत्ता में एक बार फिर वापसी के लिए 'बदलाव यात्रा' के जरिए मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रहे हैं. सोरेन और कांग्रेस मिलकर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हुए हैं, परंतु अब तक वे बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों का एक गठबंधन नहीं बना पाए हैं.

कांग्रेस ने चुनाव के ठीक पहले पार्टी का नेतृत्व रामेश्वर उरांव को देकर 'आदिवासी कार्ड' खेला है और इसके जरिए मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है. कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दूबे कहते हैं कि चुनाव के लिए उनकी पार्टी पूरी तरह तैयार है.

विपक्षी दलों के महागठबंधन के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का मुख्य मुद्दा बीजेपी को सत्ता से हटाना है, और महागठबंधन के लिए बाकी दलों से बात चल रही है.

बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (जेविएम) ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. बाबूलाल मरांडी स्पष्ट कर चुके हैं कि कार्यकर्ताओं की राय जानने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचेंगे.

माना जा रहा है कि महागठबंधन में सबसे अधिक समस्या सीटों की दावेदारी को लेकर है. सभी दल अधिक से अधिक सीटें चाहते हैं.

राष्ट्रीय जनता दल महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ना चाहती है, परंतु उसकी दावेदारी 12 से 14 सीटों पर है. बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. परंतु संभावना झाविमो, जेडीयू और वामपंथी दलों के एक तीसरे मोर्चे की भी है.

झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं. वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 37 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि उसकी सहयोगी एजेएसयू पांच सीटों पर विजयी हुई थी.

इसके अलावा जेएमएम 19 सीटें, जेविएम आठ और कांग्रेस सात सीटें जीतने में सफल हुई थी. चुनाव के बाद हालांकि जेविएम के छह विधायकों ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.

एके/एनआर (आईएएनएस)

_______________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी