जो काबुल में बना रहे हैं पेंट ब्रश को हथियार
कुछ युवा अफगान कलाकार राजधानी काबुल को रंगीन बना रहे हैं और सरकारी इमारतों, दूतावासों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की दीवारों पर ग्रैफिटी बना रहे हैं.
काबुल में स्ट्रीट आर्ट
काबुल में ग्रैफिटी बनाने वाले खुद को अफगान "बैंक्सी" कहते हैं. बैंक्सी ब्रिस्टल के मशहूर ग्रैफिटी आर्टिस्ट हैं जिनके नाम से ग्रैफिटी बनाने वालों को पुकारा जाता है. काबुल में बन रही ग्रैफिटीज में 40 साल से युद्ध झेल रहे समाज की समस्याओं को उभारा जा रहा है.
पेंटब्रश बना हथियार
काबुल के लोगों के लिए ग्रैफिटी एक नई चीज है. इस मुहिम से जुड़े औमेद शरीफ ने डीडबल्यू को बताया, "जब हम लोगों को बताते हैं कि हम क्या कर रहे हैं तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है. हमने कुछ लोगों को पेंटब्रश थमा दिए और कहा कि आप भी हमारी मदद कर सकते हैं."
सत्ता, भ्रष्टाचार और झूठ
अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार, अशिक्षा और पलायन जैसी कई समस्याओं को उठाने के लिए ग्रैफिटी का इस्तेमाल हो रहा है. एक जगह लिखा है, "भ्रष्टार न अल्लाह से छिप सकता है और न ही लोगों की नजरों से." ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का कहना है कि अफगानिस्तान दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में से एक है.
स्पष्ट संदेश
एक ग्रैफिटी में बच्चा अपने पिता से पूछता है, "अब्बा, नई कार के लिए आपके पास पैसे कहां से आए." औमेद शरीफ कहते हैं, "मेरा मकसद संदेह के बीज डालना है ताकि अफगान लोग सवाल उठाना सीख जाएं."
अफगानिस्तान से पलायन
यूरोप के तटों पर 2015 जो दस लाख शरणार्थी पहुंचे उनमें से 20 प्रतिशत अफगान थे. अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों के हटने के बाद देश में अस्थिरता बढ़ गई है और तालिबान ने कई इलाकों पर नियंत्रण कर लिया है.
मदद
यूरोपीय संघ ने अक्टूबर में अफगानिस्तान के साथ एक समझौता किया जिसके तहत कई यूरोपीय देशों से अफगान लोगों को वापस उनके देश भेजा जाएगा. इसके लिए अफगानिस्तान को अगले चार साल तक सालाना 4 अरब यूरो की विकास मदद दी जाएगी.
आर्थिक वृद्धि
विश्व बैंक के अनुसार अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में 2015 के दौरान यानी 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. लेकिन अब भी अफगानिस्तान बड़े पैमाने पर विदेशी मदद पर ही निर्भर है.
बोझ
यूनेस्को के मुताबिक अफगानिस्तान दुनिया के उन देशों में शामिल हैं जहां सबसे कम साक्षरता है. हालांकि अब स्कूलों की संख्या बढ़ाई जा रही है. लेकिन प्रशिक्षित अध्यापकों की कमी को दूर करना एक बड़ी चुनौती है.