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जासूसी एजेंसी बना रहा है जापान: विकीलीक्स

२२ फ़रवरी २०११

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से जापान ने पहली बार एक खुफिया जासूसी एजेंसी बनाने की तैयारी की है. यह एजेंसी अमेरिका की सीआईए और ब्रिटेन की एमआई6 की तर्ज पर बनाई जाएगी. विकीलीक्स के लीक किए एक केबल से यह खुलासा हुआ है.

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तस्वीर: dpa

सोमवार को खुफिया दस्तावेज उजागर करने वाली वेबसाइट विकीलीक्स ने कुछ और राजनयिक केबल जारी किए. ऑस्ट्रेलिया के अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने विकीलीक्स के हवाले से कहा है जापान की संभावित जासूसी एजेंसी खासतौर पर चीन और उत्तर कोरिया को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है.

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तस्वीर: picture alliance/Image Source

अखबार ने अपनी एक्सक्लूसिव खबर में कहा कि जापान की मुख्य खुफिया एजेंसी कैबिनेट इंटेलिजेंस एंड रिसर्च ऑफिस (नाइचो) की एक जासूसी शाखा बनाई जा रही है जो सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करेगी. इसका पता अमेरिका के विदेश मंत्रालय के गुप्तचर विभाग के 2008 में अध्यक्ष रहे रैंडल फोर्ट और नाइचो के तत्कालीन अध्यक्ष हिदेशी मितानी की बातचीत से चला है. मितानी ने फोर्ट को बताया था कि जापान के लिए गोपनीय सूचनाएं जुटाना प्राथमिकता है.

हेराल्ड के मुताबिक तोक्यो में अमेरिकी दूतावास ने वॉशिंगटन को एक गोपनीय केबल भेजा था जिसमें कहा गया था कि लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के जापान के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों योसुओ फुकूदा और तारो असो ने इस योजना की शुरुआत की.

अमेरिकी दूतावास के केबल में कहा गया, "इस प्रक्रिया को बहुत धीरे धीरे आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है क्योंकि जापानी जानकारी, अनुभव और अफसरों की संख्या की अपनी कमी से वाकिफ हैं. लेकिन ट्रेनिंग जल्दी ही शुरू होगी."

हेराल्ड के मुताबिक जापानी अधिकारियों ने फोर्ट को बताया था कि जापान की प्राथमिकता चीन और उत्तर कोरिया से गोपनीय सूचनाएं हासिल करना और आतंकवादी गतिविधियों को रोकना है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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