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जलवायु परिवर्तन पर राजनीति

७ दिसम्बर २००९

भारत ने विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने स्वतः कार्बन तीव्रता में कटौती की घोषणा करके राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की है. पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने आश्वासन दिया कि भारत अपने रुख में किसी किस्म की ढिलाई नहीं ला रहा.

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तस्वीर: AP

सोमवार को एक तरफ कोपेनहेगेन में जलवायु परिवर्तन पर अब तक का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन शुरू हुआ तो दूसरी तरफ भारत में इस मुद्दे पर राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई. सरकार पर राष्ट्रीय हितों की अनदेखी के विपक्ष के आरोपों के जवाब में पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने राज्यसभा में कहा कि कार्बन तीव्रता में कटौती की घोषणा पूरी तरह स्वैच्छिक है. उन्होंने ने कहा, "हम प्रति व्यक्ति उत्सर्जन और विकसित देशों की ऐतिहासिक ज़िम्मेदारी के सिद्धांत से विचलित नहीं हो रहे हैं." लेकिन पर्यावरण मंत्री के इन आश्वासनों ने विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और उसने सदन से वॉकआउट कर दिया.

इसके पहले विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोपेनहेगेन शिखर सम्मेलन से ठीक पहले अपने पत्ते खोलकर गंभीर ग़लती की है क्योंकि अब समझौता वार्ता में इन घोषणाओं को आधार बनाकर भारत से और अधिक छूट लेने की कोशिश की जाएगी. जेटली ने कहा कि अख़बारों में छापी ख़बरों से पता चलता है कि सरकार के बदले रुख के कारण भारत के वार्ताकार रूठे हुए हैं और दो दिन पहले उन्होंने कोपेनहेगेन जाने वाले विमान में बैठने से भी इनकार कर दिया था. सीपीएम की बृंदा कारत ने आरोप लगाया कि शिखर सम्मेलन से ऐन पहले अपने वार्ताकारों को बांटकर सरकार ने देश का बहुत भारी अहित किया है. लेकिन जयराम रमेश ने घोषणा की कि भारत के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है और ये दोनों वार्ताकार एक-दो दिन में कोपेनहेगेन के लिए रवाना हो जाएंगे.

भारत के दोनों वार्ताकार चंद्रशेखर दासगुप्ता और प्रदीप्तो घोष वाकई में नाराज़ थे और जयराम रमेश को उन्हें मनाने के लिए उनके साथ कई बैठकें करनी पडीं. दोनों वार्ताकारों ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उन्हें आशंका थी कि भारत बदले में बिना कुछ पाए इकतरफ़ा छूट दे रहा है, वह प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के अपने सिद्धांत से हट रहा है और कार्बन गैसों में कटौती के लिए अपने पैसे से चल रही परियोजनाओं की अंतरराष्ट्रीय समीक्षा के लिए राज़ी हो रहा है. लेकिन पर्यावरण मंत्री ने उनकी इन आशंकाओं को दूर कर दिया है.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोपेनहेगेन में 18 दिसंबर को होने जा रहे शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.

रिपोर्टः कुलदीप कुमार, नई दिल्ली

संपादनः ए कुमार