1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जलवायु परिवर्तन: ओबामा का दावतनामा

गुलशन मधुर, वाशिंगटन से२९ मार्च २००९

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत सहित विश्व की 16 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों को , ऊर्जा और जलवायु-परिवर्तन के मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए वॉशिंग्टन आमंत्रित किया है.

https://p.dw.com/p/HMF6
ओबामा का सरोकारतस्वीर: AP

27 और 28 अप्रैल के लिए तय इस शिखर-बैठक के संबंध में व्हाइट हाउस ने कहा है कि उससे प्रमुख विकसित और विकासशील देशों के बीच सुस्पष्ट बातचीत को प्रोत्साहन मिलेगा और ऐसा राजनीतिक नेतृत्व तैयार करने में सहायता मिलेगी , जो राष्ट्रसंघ की जलवायु-परिवर्तन वार्ताओं की सफलता के लिए आवश्यक है.

अप्रैल में होने वाली इन वार्ताओं के बाद जुलाई में इसी सिलसिले की एक और बैठक इटली में की जाएगी.

जलवायु-संबंधी क्योतो-संधि की अवधि 2012 में समाप्त होने वाली है और उसके स्थान पर एक नई संयुक्त राष्ट्र संधि संपन्न करने के प्रयास में विश्व के नेता दिसंबर में कोपनहेगन में बैठक करेंगे. उद्देश्य होगा - औद्योगिक देशों के ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए लक्ष्य स्थापित करना.

ग्रीनहाउस गैसों में अनिवार्य कटौतियों वाली क्योतो-संधि का अमरीकी कॉंग्रेस ने कभी अनुमोदन नहीं किया. बाद में बुश-सरकार ने उसे पूरी तरह अस्वीकार कर दिया - यह कहकर कि उसमें भारत और चीन जैसे विकासशील देशों की भागीदारी नहीं है.

BdT Earth Hour in Las Vegas
जलवायु परिवर्तनतस्वीर: AP

लेकिन ओबामा-सरकार ने संकेत दिया है कि वह अमरीका की पिछले आठ वर्षों की पर्यावरण-नीति में तब्दीली लाने के लिए तैयार है. स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती नई अमरीकी नीति की प्राथमिकताएं होंगी.

पिछले महीने अमरीकी कॉंग्रेस के दोनों सदनों की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए ओबामा ने स्वच्छ ऊर्जा को विश्व के पर्यावरण के साथ-साथ अमरीकी अर्थववस्था के लिए भी अनिवार्य बताया था , " हमारी अर्थव्यवस्था में सही मानों में कायापलट लाने , हमारी सुरक्षा बनाए रखने , और जलवायु-परिवर्तन की बर्बादी से हमारे ग्रह की रक्षा करने के लिए हमें स्वच्छ और फिर-फिर इस्तेमाल की जा सकने वाली ऊर्जा को मुनाफ़ा देने वाली ऊर्जा का रूप देना होगा."

अप्रैल की वॉशिंग्टन शिखर-बैठक में अमरीका , भारत , जर्मनी , ऑस्ट्रेलिया , ब्राज़ील , कैनेडा , चीन, यूरोपीय संघ, फ़्रांस, इंडोनेशिया. इटली, जापान , कोरिया , मैक्सिको , रूस , दक्षिण अफ़्रीक़ा और ब्रिटेन शामिल होंगे.

दिसंबर की कोपनहगन-बैठक के मेज़बान डैन्मार्क और संयुक्तराष्ट्र को भी बैठक में शामिल होने की दावत दी गई है.

व्हाइट हाउस ने इस शिखर-सम्मेलन की घोषणा ऐसे समय की है , जबकि कोपनहेगन-बैठक का कुछ आधार तैयार करने के उद्देश्य से आज 190 देश जर्मनी के बॉन शहर में बैठक कर रहे हैं.