जर्मनी में रह रहा है बिन लादेन का पूर्व बॉडीगार्ड
२५ अप्रैल २०१८ओसामा बिन लादेन का पूर्व अंगरक्षक कई साल से जर्मनी के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया (एनआरडब्ल्यू) में रह रहा है. प्रांतीय सरकार के मुताबिक उसे ट्यूनीशिया डिपोर्ट न कर पाना एक मजबूरी है. जर्मनी को लगता है कि ट्यूनीशिया में उसका टॉर्चर किया जा सकता है या फिर उसके साथ बुरा सलूक हो सकता है.
सामी ए. नाम का यह शख्स बीते एक दशक से भी ज्यादा समय से जर्मन शहर बोखुम में रह रहा है. जर्मनी में निजता कानून के चलते उसके पूरा नाम भी जाहिर नहीं किया जा सकता है. सरकार के मुताबिक डिपोर्टेशन के लिए उसे अब भी अयोग्य करार दिया गया है. विधानसभा में दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के दो सदस्यों के सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी सामने आई.
प्रशासन ने अप्रैल 2017 के एक अदालती फैसले का हवाला देते हुए अपनी मजबूरी बताई. कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि 42 साल के शख्स को अगर ट्यूनीशिया प्रत्यर्पित किया गया तो बहुत संभावना है कि वहां उसे "प्रताड़ना और अमानवीय या अपमानजनक बर्ताव" का सामना करना पड़ सकता है.
प्रांत के रिफ्यूजी मामलों के मंत्री योआखिम स्टाम्प के मुताबिक सामी ए. तब तक जर्मनी में रहेगा जब तक ट्यूनीशिया इस बात का भरोसा नहीं दिलाता कि पूर्व बॉडीगार्ड को टॉर्चर या मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा.
सामी ए. 1997 में पढ़ने के लिए जर्मनी आया. उस पर 1999 और 2000 में अफगानिस्तान में अल कायदा के कैंप में रहने का आरोप है. कहा जाता है कि बिन लादेन के बॉडीगार्डों में शुमार सामी ए. को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी मिली. सामी ए. आरोपों से इनकार करता है. उसका दावा है कि वह 1999-2000 में पाकिस्तान के कराची शहर में पढ़ाई कर रहा था. 2006 में सामी ए. के अल कायदा नेटवर्क से रिश्तों की जांच हुई. लेकिन उस पर कोई धाराएं नहीं लगाई गईं.
अतीत में आतंकवादियों से रिश्तों के चलते सामी ए. को अब भी जर्मनी में सिक्योरिटी रिस्क के रूप में चिह्नित किया गया है. जर्मनी के बड़े अखबार बिल्ड त्साइटुंग के मुताबिक सामी को हर दिन पुलिस स्टेशन में हाजिरी देनी पड़ती है.
एएफडी के सवाल का जवाब देते हुए प्रांतीय सरकार ने यह भी बताया कि सामी ए. को हर महीने सरकार की तरफ से 1,168 यूरो की रकम समाज कल्याण के तौर पर मिलती है. सामी के साथ उसकी पत्नी और बच्चे भी रहते हैं. बच्चों और पत्नी के पास जर्मनी की नागरिकता है.
ओएसजे/एमजे (डीपीए)