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जर्मनी के पर्यटन बाजार में अरब क्रांति

१० मार्च २०११

बर्लिन में दुनिया का सबसे बड़ा पर्यटन मेला आईटीबी चल रहा है. मिस्र और ट्यूनीशिया यहां अपने धूपहले मौसम, खुशमस्त बीच और प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों के अलावा देश में आई क्रांति के जरिये भी ग्राहकों को लुभा रहे हैं.

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तस्वीर: DW

मिस्र के मंडप का आकार पिछले साल के मुकाबले तीन गुना है. यहां प्राचीन फाराओ सम्राटों की मूर्तियों के साथ साथ काहिरा के तहरीर स्क्वायर का छोटा सा मॉडल भी पेश किया गया है. बोर्ड पर लिखा है, "अपनी आंखों से देखिए, जहां सब कुछ हुआ." मिस्र के पर्यटन मंत्रालय के हिशम जाजू कहते हैं, "इतिहास और कुदरत की वजह से ही मिस्र जाना लाजमी है. अब उसमें एक नई बात जुड़ चुकी है." उनका कहना है कि वे पर्यटकों के साथ लोकतांत्रिक क्रांति के अनुभव बांटना चाहते हैं. उनकी राय में इस क्रांति की भावनाएं यूरोप की भी भावनाएं हैं. अगर वे मिस्र की मदद करना चाहते हैं, तो उन्हें वहां जाना चाहिए और अपनी आंखों से सबकुछ देखना चाहिए.

मिस्र के मंडप से कुछ ही दूरी पर ट्यूनिशिया का मंडप है. यह जर्मन पर्यटकों का प्यारा देश रहा है. पिछले दिनों राजनीतिक अशांति की वजह से सैलानी स्पेन, ग्रीस और इटली जाने लगे थे. अब उन्हें वापस लाने के लिए क्रांति की उपलब्धियों का भी सहारा लिया जा रहा है. मेले में आए ट्यूनिशिया के पर्यटन मंत्री मेहदी हुआस ने कहा कि वे जर्मनी के लोगों को यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि वे आएं और देखें कि एक 'क्लासिकीय गणतंत्र' बनने से पहले वहां कौन सी भावनाएं उभर रही हैं. उन्होंने कहा कि वे खासकर ऐसे पर्यटकों को आकर्षित करना चाहते हैं, जिन्हें सांस्कृतिक नागरिक कहा जाता है. वैसे ट्यूनिशिया के पर्यटन बोर्ड के प्रधान हबीब अम्मार ने कहा कि समुद्र का तट और धूप देश का प्रधान आकर्षण बना रहेगा.

दोनों देशों में क्रांति के बाद उभरी तस्वीर को पर्यटन के साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है. जेकरी टूर्स के महमूद जेकरी कहते हैं कि तहरीर स्क्वायर पहले भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र था, क्योंकि इजिप्शियन म्युजियम वहीं पर है. लेकिन अब गाईड लोगों को यह भी बताएंगे कि लोकतांत्रिक प्रदर्शनकारी कहां अपने तंबू गाड़े थे और कैसे ऊंटों पर सवार सरकार के समर्थकों ने उन पर हमला किया था.

इस साल ट्यूनिशिया जाने वाले पर्यटकों की संख्या में 45 फीसदी की कमी आई है. जहां तक मिस्र का सवाल है तो वहां के पर्यटन मंत्रालय के प्रतिनिधि जाजू कहते हैं कि गर्मी के मौसम के बाद ही स्थिति कुछ सामान्य होगी. वैसे ट्यूनिशिया के मंत्री हुआस ने कहा कि यह काफी संभव है कि पर्यटक लीबिया की लहुलुहान तस्वीरों के साथ उनके देश को जोड़ सकते हैं. स्थिति सामान्य होने में वक्त लगेगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: महेश झा

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