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जर्मनी की एएफडी से नहीं हटेगा "संदिग्ध चरमपंथी" लेबल

१३ मई २०२४

जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. चुनावों के लिहाज से अहम साल में जर्मनी की क्षेत्रीय अदालत का एक और फैसला उसके खिलाफ गया है.

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बर्लिन में एएफडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते लोग
इस साल एएफडी के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए हैंतस्वीर: Liesa Johannssen/REUTERS

जर्मनी की खुफिया एजेंसियां धुर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड यानी एएफडी को "संदिग्ध चरमपंथी" मान कर उस पर निगरानी रखती रहेंगी. जर्मनी की एक क्षेत्रीय उच्च अदालत ने यह फैसला सुनाया है. खुफिया एजेंसियों ने एएफडी और उसकी युवा शाखा युंगे अल्टरनेटिव दोनों को संदिग्ध दक्षिणपंथी गुट का दर्जा दिया है.

मुंस्टर की उच्च अदालत की सुनवाई में जज गेराल्ड बुक ने कहा कि एएफडी के प्रयासों में "पर्याप्त तथ्यात्मक संकेत" मौजूद हैं जो "कुछ लोगों के समूह की मानवीय गरिमा और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ हैं." बुक ने इस के साथ यह भी कहा, "शरणार्थियों और मुसलमानों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है." जर्मनी में संविधान का दर्जा रखने वाले 'बेसिक लॉ' के तहत यह एक "अस्वीकार्य भेदभाव" जैसा है.

नॉर्थराइन वेस्टफालिया प्रांत की उच्च प्रशासनिक अदालत
एएफडी के खिलाफ फैसला मुंस्टर की अदालत में सुनाया गया हैतस्वीर: David Inderlied/dpa/picture alliance

उच्च अदालत की मुहर

जर्मन शहर कोलोन की निचली प्रशासनिक अदालत ने एएफडी के बारे में खुफिया एजेंसियों के इस आकलन को 2022 में सच माना था. इसके बाद एक संदिग्ध समूह के रूप में पार्टी के दफ्तर पर निगरानी रखने की मंजूरी दी गई थी. पार्टी ने उस फैसले के खिलाफ अपील की. अब नॉर्थ राइन वेस्टफालिया प्रांत की प्रशासनिक अदालत ने भी उस फैसले पर मुहर लगा दी है.

इस फैसले का मतलब है कि जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसियां पार्टी की निगरानी को जारी रख सकती हैं. इसमें सर्विलांस का उपयोग और मुखबिरों से जानकारी हासिल करना शामिल हैं. खुफिया एजेंसियों ने इन संभावनाओं का अब तक इस्तेमाल किया है या नहीं या फिर कितना यह सरकार ने एजेंसियों पर ही छोड़ रखा है.

नॉर्थराइन वेस्टफालिया की उच्च अदालत में फैसला सुनाते जज गेराल्ड बुक
उच्च अदालत के जज ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा हैतस्वीर: Guido Kirchner/dpa/picture alliance

एएफडी की पहचान रहा है उनका आप्रवासी-विरोधी रुख. देश में आप्रवासियों की संख्या बढ़ने के साथ कुछ जर्मन मतदाताओं के मन में चिंता उभर रही है और पार्टी उसी का फायदा उठाती है. राष्ट्रीय स्तर पर इस समय पार्टी की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत तक पहुंच गई थी. खासतौर से चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के नेतृत्व में तीन पार्टियों के गठबंधन वाली सरकार से असंतुष्टि के दौर में. हालांकि हाल में हुए विवादों के बाद यह घट कर 16-18 फीसदी पर आ गई है.

जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी की युवा शाखा पर प्रतिबंध की आशंका क्यों

अदालत का फैसला यूरोपीय संसद के चुनाव से महज कुछ ही हफ्तों पहले आया है. इसके अलावा इसी साल जर्मनी के तीन राज्यों में भी चुनाव होने हैं. इनमें एएफडी के अच्छे प्रदर्शन के अनुमान लगाए जा रहे थे.

कई विवादों में फंसी एएफडी

इस साल की शुरुआत में हजारों लोगों ने जर्मनी के कई शहरों में जमा हो कर चरमपंथ और खासतौर से एएफडी के खिलाफ प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन एक खोजी मीडिया संगठन करेक्टिव की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद शुरू हुए. यह रिपोर्ट एएफडी के सदस्यों और जाने माने दक्षिणपंथी लोगों के बीच बैठक पर थी जिसमें बड़े पैमाने पर प्रत्यर्पण की योजना पर चर्चा हुई.

इसके बाद यूरोपीय संसद में एएफडी के सदस्य माक्सिमिलियन क्राह पर जर्मन अभियोजकों की नजर है. उन पर रूस और चीन से धन लेने के आरोप हैं. इस जांच ने एएफडी के रूस से संबंध रखने के आरोपों को हवा दे दी है. इतना ही नहीं क्राह के पूर्व सहायक जियान गुओ को जर्मन पुलिस ने जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार किया है. जासूसी का आरोप लगने के बाद क्राह ने गुओ को नौकरी से हटा दिया.

अदालत के फैसले के बाद प्रतिक्रिया देते जर्मन खुफिया एजेंसी के प्रमुख थोमास हाल्डेनवांग
जर्मनी की खुफिया एजेंसियां पार्टी की निगरानी जारी रखेंगीतस्वीर: Oliver Berg/dpa/picture alliance

जर्मनी में कथित जासूसों की गिरफ्तारी पर नाराज चीन

मुंस्टर की अदालत का फैसला अंतिम नहीं है. एएफडी लाइपजिष की संघीय प्रशासनिक अदालत में अपील कर सकती है. एएफडी के संघीय बोर्ड सदस्य रोमान रॉयश ने पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा है, "निश्चित रूप से हम इस पर अगले कदम में अपील करेंगे."

फैसले की व्याख्या करते हुए जज बुक ने कहा कि घरेलू खुफिया सेवाओं के अधिकार "किसी भी तरह से सीमारहित नहीं" हैं, लेकिन एक लचीले लोकतंत्र को "बिना दांत वाला बाघ" भी नहीं होना चाहिए. सबसे ऊपर यह है कि एक राजनीतिक पार्टी की निगरानी बहुत सारी कानूनी बाधाओं के साथ होती है. खुफिया एजेंसियों को "पर्याप्त रूप से प्रमाणित परिस्थितियां" पेश करनी होंगी जो बताएं कि यह समूह जर्मनी के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ प्रयासों में जुटा है.

घरेलू खुफिया सेवा के प्रमुख थोमास हाल्डेनवांग ने फैसले के बाद कहा है, "हमारे स्वतंत्र और लोकतांत्रिक बुनियादी व्यवस्था का सूरज चमक रहा है."

एनआर/आरपी (डीपीए, एएफपी)

धुर-दक्षिणपंथी पार्टी के विरोध में सड़कों पर लाखों जर्मन