जर्मनी और चीन के बीच 15 अरब डॉलर के समझौते
२८ जून २०११बर्लिन में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने मदद का हाथ बढ़ाने का आश्वासन दिया है और कहा, "हम जरूरत के हिसाब से निश्चित ही कुछ मात्रा में प्रतिभूतियां खरीद सकते हैं." चीन के बड़े प्रतिनिधिमंडल की जर्मन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कम से कम 15 अरब डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
दुनिया की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था चीन और चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था जर्मनी के बीच हाल के सालों में बड़ी तेजी से कारोबार बढ़ा है जो 2010 में 130 अरब यूरो के आसपास रहा. दोनों देश इसे 2015 तक बढ़ाकर 200 अरब यूरो करना चाहते हैं. चीन की एक चौथाई विदेशी पूंजी रिजर्व यूरो में है जिसकी कीमत 3 खरब से ज्यादा की है. जर्मन अधिकारियों को उम्मीद थी कि जियाबाओ और मैर्केल के बीच यूरो और जी8 देशों के वैश्विक मुद्रा सुधार के बारे में चर्चा होगी.
जियाबाओ ने कहा, "यह सही है कि फिलहाल कुछ यूरोपीय देश आर्थिक मुश्किलों से गुजर रहे हैं लेकिन यह अस्थाई हैं. मुझे विश्वास है कि यूरोपीय संघ इन चुनौतियों से अच्छी तरह निबट सकता है." जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा कि चीन की तेज वृद्धि और दुनिया में उसका बढ़ता प्रभाव जर्मनी के नुकसान नहीं, फायदे के लिए होना चाहिए.
मानवाधिकारों पर मतभेद
वेस्टरवेले ने यह भी माना कि मानवाधिकार के मुद्दों पर चीन और जर्मनी के बीच मतभेद रहे. सोमवार शाम मैर्केल ने प्रधानमंत्री जियाबाओ और उनके करीबी मंत्रियों को खास दावत दी. हालांकि जर्मनी ने इस रुख को दोहराया कि कारोबार की खातिर वह मानवाधिकारों पर मौजूद चिंता से मुंह नहीं मोड़ेगा. मैर्केल ने कहा, "कुछ मुद्दों पर हमारे मतभेद हैं लेकिन मुझे विश्वास है कि हम उन पर चर्चा कर सकते हैं."
लेकिन जियाबाओ ने मंगलवार को साफ कर दिया कि उन्हें यूरोपीय साझेदारों से मानवाधिकारों के मुद्दे पर कोई लेक्चर नहीं चाहिए. बर्लिन के एक होटल में जर्मन और चीनी उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए चीनी प्रधानमंत्री ने कहा, "यूरोपीय संघ के लोगों ने जो राजनीतिक व्यवस्था और विकास का मॉडल चुना है, चीन उसका सम्मान करता है. बदले में हम भी उम्मीद करते हैं कि यूरोपीय संघ हमारी संप्रभुता, हमारी क्षेत्रीय एकता और चीनी लोगों की स्वायत्त पसंदों का सम्मान करे."
जर्मनी से उम्मीद
जर्मनी ने पिछले दिनों रिहा किए गए चीनी सरकार विरोधी हू चिया और उसके पहले बड़बोले चीनी कलाकार आई वेईवेई की रिहाई का स्वागत किया. जर्मनी सहित पश्चिमी देशों ने बार बार चीन से वेईवेई को रिहा करने को कहा. लेकिन अब जर्मनी ने हू और आई पर लगी पाबंदियों की आलोचना की है. दोनों ही मीडिया से बात नहीं कर सकते.
मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच ने जर्मन सरकार से आग्रह किया है कि चीन सरकार के साथ मानवाधिकार के मुद्दे को उठाया जाए क्योंकि आई की रिहाई दिखाती है कि राजनीतिक दबाव चीनी सरकार पर काम करता है. जब मैर्केल चांसलर कार्यालय में सैनिक सम्मान के साथ वेन का स्वागत कर रही थीं तो तिब्बतियों के एक समूह ने आसमान में 300 काले गुब्बारे उड़ाए ताकि सिछुआन प्रांत में हिरासत में रखे गए 300 बौद्ध भिक्षुओं की तरफ ध्यान दिलाया जा सके.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम/ए कुमार
संपादनः ईशा भाटिया