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जम्मू-कश्मीर में सेना ने गंवाईं दो और जानें

चारु कार्तिकेय
१५ अक्टूबर २०२१

पूंछ जिले के मेंढर में आतंकवादियों और सेना के बीच एक और मुठभेड़ में एक जवान और एक जेसीओ मारे गए हैं. बस चार दिनों पहले इसी जिले में एक और मुठभेड़ में सेना के पांच कर्मी मारे गए थे.

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Indien Kaschmir-Konflikt | Militär in Srinagar getötet
तस्वीर: Saqib Majeed/ZUMAPRESS/picture alliance

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं बढ़ गई हैं. बीते कुछ हफ्तों में ही हमलों में कई आम नागरिक और सेना के कर्मी मारे गए हैं. 11 अक्टूबर को ही पूंछ में ही एक मुठभेड़ में आतंकवादियों ने भारतीय सेना के चार जवानों और एक जेसीओ को मार गिराया था.

उसके बाद 12 अक्टूबर को सेना और आतंकवादियों के उसी समूह के बीच में एक बार फिर गोलीबारी हुई. उस दिन किसी की जान नहीं गई लेकिन 14 अक्टूबर को एक ताजा मुठभेड़ में आतंकवादियों ने एक जवान और एक जेसीओ को मार गिराया.

आतंक का गहराता साया

मीडिया में आई कुछ खबरों में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सेना को संदेह है कि इस मुठभेड़ के पीछे भी आतंकवादियों का वही समूह है जिसने 11 अक्टूबर वाली मुठभेड़ में सैनिकों को मारा था. मुठभेड़ 14 अक्टूबर की देर रात तक चलने की खबर थी.

Indien | Angriff auf eine Schule in Srinagar
श्रीनगर के एक स्कूल के बाहर पहरा देते सुरक्षाकर्मीतस्वीर: Dar Yasin/AP Photo/picture alliance

इससे पहले सेना को जानकारी मिली थी कि मेंढर से सटे घने जंगलों में आतंकवादी छिपे हुए हैं, जिसके बाद सेना ने उनकी तलाश करने के लिए जंगलों में एक टुकड़ी भेजी थी. बताया जा रहा है कि इसी अभियान के दौरान जंगलों में छिपे आतंकवादियों ने सेना की टुकड़ी पर हमला कर दिया और फिर मुठभेड़ शुरू हो गई.

अब उस पूरे इलाके को सेना ने घेर लिया है और आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया है. चूंकि यह इलाका राजौरी और शोपियां जिले के भी पास पड़ता है, जम्मू-पूंछ-राजौरी राज्यमार्ग को भी बंद कर दिया गया है.

हिंसा का नया दौर

इस इलाके में इस तरह की आतंकी गतिविधियां 17 साल बाद देखी जा रही हैं. नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों को छोड़ कर, राजौरी और पूंछ में लगभग एक दशक से तुलनात्मक रूप से शांति रही है. लेकिन पिछले कुछ महीनों में इस इलाके में भी ये गतिविधियां बढ़ गई हैं.

Indien Kaschmir Srinagar Sicherheitskräfte
श्रीनगर में एक बाजार में लोगों के सामान की तलाशीतस्वीर: Mukhtar Khan/AP Photo/picture alliance

सेना का मानना है कि अगस्त में ही आतंकवादियों का एक समूह सीमा पार कर इस इलाके में दाखिल हुआ था और इन हमलों के पीछे उसी समूह के सदस्य हैं. अगस्त की शुरुआत में ही राजौरी के खंडली इलाके में आतंकवादियों ने एक स्थानीय बीजेपी नेता के घर पर एक हथगोला फेंका था.

हमले में एक दो साल का बच्चा मारा गया था और कई लोग घायल हो गए थे. सितंबर में पुलिस और सेना ने पूंछ में ही तीन लोगों को पकड़ा था जिनके पास से पिस्तौलें, हथगोले और गोलियां बरामद हुई थीं.

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