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समाज

चीनी ऑनलाइन बाजार उधेड़ रहा है हाथियों की खाल

२४ अप्रैल २०१८

चीन के ऑनलाइन बाजार में हाथियों की खाल की मांग ने म्यांमार के हाथियों के लिए संकट पैदा कर दिया है. भारी मांग के कारण शिकारियों की बन आई है और इसके चक्कर में हाथी अपनी जान गंवा रहे हैं.

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Weißer Elefant
तस्वीर: AP

म्यांमार के जंगलों में मरे हुए हाथियों के मिलने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वन्यजीव संरक्षक इसके पीछे सीधे सीधे हाथियों के शरीर से मिलने वाली चीजों के कारोबार को जिम्मेदार ठहराते हैं. चीन इन सब चीजों का सबसे बड़ा बाजार है. यहां हाथियों की खाल का इस्तेमाल इंसान के पेट और त्वचा की बीमारियों के इलाज में होता है. इसके साथ ही इनसे कई तरह के आभूषण भी बनाए जाते हैं. इनमें खून के रंग वाले मनकों की माला और लॉकेट की बड़ी मांग है. इंटरनेट पर इन चीजों का खूब प्रचार किया जाता है और फिर बेचा जाता है.

Brocken getrockneter Elefantenhaut
पारंपरिक दवा की दुकान के डिस्प्ले में हाथी की खालतस्वीर: Getty Images/AFP/R. Gacad

ब्रिटेन की चैरिटी एलिफैंट फैमिली ने इस बारे में एक रिसर्च की है जिसका नाम है "स्किन्ड: द ग्रोइंग एपेटाइट फॉर एशियन एलिफैंट्स." हाथियों का उनके दांतों के लिए पूरी दुनिया में शिकार किया जाता है. हाथी दांत के लिए शिकार में सिर्फ नर और वयस्क हाथियों को एक खास उम्र के बाद निशाना बनाया जाता है लेकिन खाल के मामले में ऐसा नहीं है. इस चैरिटी की कार्यकारी संरक्षण निदेशक बेलिंडा स्टीवर्ट कॉक्स का कहना है, "इसका मतलब है कि कोई हाथी सुरक्षित नहीं है, म्यांमार बहुत तेजी से बहुत ज्यादा हाथियों को खोता जा रहा है."

एलिफैंट फैमिली बहुत सारे इंटरनेट फोरम पर नजर रख रही है. इसके साथ ही उसने बहुत से व्यापारियों से भी संपर्क किया है ताकि सप्लाई चेन के बारे में जानकारी हासिल कर सके. जिन 11 व्यापारियों से एलिफैंट फैमिली की बात हुई उनमें से 9 ने अपने सामान का स्रोत म्यांमार बताया जबकि दो ने लाओस का जिक्र किया. चीन के एक कारोबारी का दावा है कि उसने हाथियों की खाल से मनके बनाने की तरकीब "इजाद" की है. उसका कहना है कि उसे म्यांमार के सीमावर्ती शहरों से सामान मिलता है उसका यह भी कहना है कि स्रोत "लंबे समय के लिए और बाधारहित" है.

Brocken getrockneter Elefantenhaut
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Gacad

माना जाता है कि म्यांमार में अब सिर्फ 2000 हाथी बचे हैं. इलाके में थाईलैंड के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी तादाद है. हालांकि देखभाल की कमी और सीमावर्ती इलाकों में केंद्रीय सरकार का असरदार नियंत्रण नहीं होने की वजह से म्यांमार वैश्विक वन्य जीव तस्करी का अड्डा बन गया है. पिछले साल म्यामार के जंगल पर रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि 50 हाथियों के कंकाल बरामद हुए. 2010 की तुलना में यह चार ज्यादा है. संगठन का कहना है कि हाथी के चमड़े से बनने वाली चीजों का कारोबार और हाथियों के शिकार में संबंध को सीधे तौर पर प्रमाणित तो नहीं किया जा सकता लेकिन दोनों में साथ साथ आई तेजी देखने के बाद ज्यादा विश्लेषण करने की जरूरत नहीं पड़ती.

रिसर्चरों ने चीन की पारंपरिक दवाओं और दूसरी दवाइयां बेचने वाले प्लेटफॉर्म पर भी हाथियों के चमड़े के पाउडर बेचने के सबूत पाए हैं. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि इन चीजों में अफ्रीकी हाथियों का इस्तेमाल हुआ है या फिर एशियाई हाथियों का.

एनआर/एमजे (एएफपी)