चीन कर रहा है अफ्रीकी रेलवे में निवेश
विदेशों में परिवहन ढांचे को बेहतर बनाने के लिये चीन अब अफ्रीका के रेल नेटवर्क में भारी निवेश कर रहा है. रेल नेटवर्क की ये बहाली यहां के लोगों को भी खूब रास आ रही है.
तेज ट्रेन
बीती जुलाई से लेकर अब तक नाइजीरिया की राजधानी अबुजा से देश के उत्तरी प्रांत को 175 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग के जरिये जोड़ा गया है. इसकी लागत तकरीबन 80 करोड़ यूरो आंकी गई है जिसके लिये चीन के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक (आयात-निर्यात बैंक) ने 45 करो़ड़ यूरो मुहैया कराये थे.
राष्ट्र प्रमुख की सवारी
नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी ने इस नई ट्रेन की पहली यात्रा पर एक विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की थी. 2 घंटे 40-मिनट की यात्रा के लिये इकोनॉमी क्लास में 3 यूरो का भुगतान तय किया गया है और प्रथम श्रेणी के लिये यह राशि 4.25 यूरो है.
सिटी रेल
इथोपिया की राजधानी आदिस अबाबा में पहली लाइट रेल लाइन ने साल 2015 से काम करना शुरु किया था. यह रेल लाइन भी चीन के रेलवे समूह ने ही तैयार की थी और इसके लिये वित्त भी चीन के एक्सिम बैंक ने ही दिया था.
पूर्वी अफ्रीका
तकरीबन 25 हजार केन्याई और तीन हजार चीनी मजदूर मोम्बासा और नैरोबी के बीच बनाये जा रहे 472 किलोमीटर लंबे मार्ग को तैयार रहे हैं. इसका भी तकरीबन 90 फीसदी लागत खर्च चीन वहन कर रहा है.
रेलवे म्यूजियम
अफ्रीका में रेल परिवहन का एक लंबा इतिहास है. साल 1856 में अलेक्जेंड्रिया और काहिरा के बीच रास्ता शुरू किया गया था. भाप के इंजन भी 20वीं सदी की शुरुआत से ही चल रहे हैं. इन्हें रेलवे संग्रहालय में रखा गया है.
रेलवे लाइन
अफ्रीका में अपने उपनिवेश स्थापित करने वाले यूरोपीय देशों ने यहां रेल नेटवर्क शुरू किया था जिसका इस्तेमाल वे कच्चे माल को समुद्र तट तक पहुंचाने के लिये करते थे और इसके बाद समुद्र तट से कच्चे माल को यूरोप भेजा जाता था. वर्तमान में ये मार्ग जीर्णावस्था में पहुंच गये हैं.
अफ्रीकी रेल नेटवर्क
साल 2015 में, अफ्रीकी विकास बैंक ने महाद्वीप में रेलवे नेटवर्क की महत्ता पर बल दिया था. बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रेलवे के जरिये शहरी भीड़भाड़ से राहत मिलेगी और माल-भाड़ा भी सस्ता होगा. लेकिन बैंक ने देश के खराब रेल नेटवर्क पर चिंता जताई थी.
बंद स्टेशन खुलेंगे
अफ्रीकी देशों की अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो रही है और इसका नजर परिवहन क्षेत्र पर भी नजर आ रहा है. अगर चीन और अन्य निवेशक, निवेश जारी रखते हैं तो बंद पड़े ऐसे स्टेशनों पर जल्द ही ट्रेनों की सीटियां दोबारा सुनाई पड़ने लगेंगी.
दक्षिण अफ्रीका
गौट्रेन क्षेत्रीय रेल नेटवर्क, प्रिटोरिया और जोहान्सबर्ग को अफ्रीका के सबसे बड़े हवाई अड्डे के साथ जोड़ती है. यह अगले 20 वर्षों में वर्तमान 80 से 230 किलोमीटर तक विस्तार किया जाना है. 21,000 किलोमीटर के ट्रैक के साथ, दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप में अब तक का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है.