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"चीन और रूस के मुकाबले कम भ्रष्ट है भारत"

७ मार्च २०११

भ्रष्टाचार के बड़े मामलों से जूझ रहे भारत के बारे में एक अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की राय हैरान करने वाली है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच के मुताबिक चीन और रूस के मुकाबले भारत कम भ्रष्ट है.

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सरकार पर कॉमनवेल्थ खेलों में घोटाले का भी दाग हैतस्वीर: AP

अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए हालांकि भारत के नियम कायदे और टैक्स कानून परेशानी का सबब बनते हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में फिच समूह के प्रबंध निदेशक रिचर्ड हंटर ने कहा, "जब भ्रष्टाचार की बात हो तो निश्चित रूप से हम भारत को चीन और रूस से नीचे रखेंगे. भारत के बारे में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की बड़ी चिंता यहां के नियम कायदे और टैक्स कानून हैं."

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसी की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत कई बड़े घोटालों की आंच में तप रहा है. अब ये चाहे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला हो, कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन में गड़बड़ी हो, आदर्श हाउसिंग सोसायटी का मामला हो या फिर देवास एंट्रिक्स सौदे की बात. पिछले कुछ महीनों में इन घोटालों ने केंद्र सरकार की नींद हराम कर रखी है.

इन घोटालों के बारे में हंटर ने कहा कि हाल में सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों ने भारत पर निवेशकों के भरोसे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है उन्होने कहा, "निश्चित रूप से भ्रष्टाचार देश की इतनी बड़ी खूबी नहीं है कि उसे इस मामले में गोल्ड मेडल दिला सके."

हंटर के मुताबिक कंपनियों के लिए भ्रष्टाचार का मामला चीन के मामले में ज्यादा बुरा साबित होता है. अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत की कानून व्यवस्था का सम्मान करती हैं. हंटर ने यह भी बताया कि ज्यादातर कंपनियों की रेटिंग मौजूदा साल के लिए स्थिर हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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