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चांद से पत्थर लेकर वापस आया चीन का यान

१७ दिसम्बर २०२०

चीन 40 सालों में पहली बार चांद से ताजा पत्थरों के सैंपल पृथ्वी पर लाने में सफल रहा है. चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. इससे सौर मंडल के इतिहास के बारे में नई जानकारी मिलने की संभावनाएं खुल गई हैं.

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China Rückkehr Chang'e-5 Mond Sonde
तस्वीर: Ren Junchuan/Xinhua/picture alliance

चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन संस्था ने बताया कि 'चांग ई पांच' प्रोब का कैप्सूल गुरूवार सुबह दो बजे से ठीक पहले इनर मोंगोलिया प्रांत के सिशिवांग जिले में उतरा. इसके पहले कैप्सूल अपने ऑर्बिटर मॉड्यूल से अलग हो गया था और फिर अपनी गति कम करने के लिए उसने पृथ्वी के वायुमंडल से एक टप्पा लिया. उसके बाद वो पैराशूटों के सहारे जमीन पर उतरा. 

फिर कैप्सूल और उसमें पड़े सैंपलों को बीजिंग स्थित अंतरिक्ष कार्यक्रम के परिसर में ले जाकर उसे खोलने और सैंपलों की समीक्षा की तैयारी शुरू कर दी गई. अंतरिक्ष प्रशासन ने कहा कि इस मिशन में कई उपलब्धियां पहली बार हासिल की गई हैं, जैसे चांद की सतह से यान को लॉन्च करना और पृथ्वी पर सैंपल वापस भेजने के लिए उसे कैप्सूल के साथ डॉक कराना. 

मिशन के चार मॉड्यूलों में से दो चांद पर एक दिसंबर को उतरे और वहां से करीब दो किलो सैंपल इकट्ठा किया. इसके लिए उन्होंने सतह से भी सैंपल लिए और सतह में करीब छह फीट तक ड्रिल करके भी सैंपल लिए. सैंपलों को फिर एक सील बंद डब्बे में डाल कर एक एसेंट यान के जरिए वापस आने वाले मॉड्यूल तक भेज दिया गया.

China Rückkehr Chang'e-5 Mond Sonde
इस कार्यक्रम के तहत 40 सालों में पहली बार चांद से पत्थरों के सैंपल वापस लाए गए हैं. इससे पहले 1976 में पूर्ववर्ती सोवियत संघ का लूना 24 रोबोट प्रोब चांद से पत्थरों के सैंपल ले कर पृथ्वी पर आया था.तस्वीर: China Daily/REUTERS

चीन के राष्ट्रीय टीवी चैनल सीसीटीवी पर दिखाई गई फुटेज में किसी छोटी लोमड़ी या चूहे जैसा एक सफेद फर वाला पशु भी नजर आया जो उतरते हुए कैप्सूल के आगे भाग रहा था. वो पशु कुछ देर के लिए रुका भी जैसे इस अपरिचित वस्तु का निरीक्षण कर रहा हो. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक बयान में इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि इससे चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है.

इस कार्यक्रम के तहत 40 सालों में पहली बार चांद से पत्थरों के सैंपल वापस लाए गए हैं. इससे पहले 1976 में पूर्ववर्ती सोवियत संघ का लूना 24 रोबोट प्रोब चांद से पत्थरों के सैंपल ले कर पृथ्वी पर आया था. माना जा रहा है कि नए पत्थर पुराने अमेरिका और सोवियत अभियानों में लाए गए पत्थरों से करोड़ों साल कम उम्र के हैं और इनसे चांद और सौर मंडल के दूसरे सदस्यों के इतिहास के बारे में नई जानकारी मिलेगी. 

ये चांद के उस हिस्से से लाए गए हैं जिसे ओशियेनस प्रोसिलैरम या 'तूफानों के समंदर' के नाम से जाना जाता है. ये मोंस रुमकर नाम की साइट के पास स्थित है जिसके बारे में माना जाता है कि प्राचीन काल में वहां ज्वालामुखी रहे होंगे. अमेरिकी शहर सेंट लुइस में वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र के निदेशक ब्रैड जोलीफ ने बताया कि इन सैंपलों की उम्र से चांद के इतिहास में एक अरब से तीन अरब साल पहले के बीच की जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी.

China Chang 'e-5 Mond-Probe
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन संस्था ने कहा कि इस मिशन में कई उपलब्धियां पहली बार हासिल की गई हैं, जैसे चांद की सतह से यान को लॉन्च करना और पृथ्वी पर सैंपल वापस भेजने के लिए उसे कैप्सूल के साथ डॉक कराना.तस्वीर: BACC/Xinhua News Agency/picture alliance

उन्होंने यह भी बताया इनसे कॉन्सेंट्रेटेड हाइड्रोजन और ऑक्सीजन जैसे आर्थिक दृष्टि से उपयोगी पदार्थों की चांद पर उपलब्धता के बारे में कुछ सुराग भी मिल सकते हैं.

सीके/एए (एपी)

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