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चांद पर छाया भारतीय तिरंगा

(एजेंसियां)१५ नवम्बर २००८

भारत का राष्ट्रीय ध्वज पूरी शान के साथ चांद पर छा गया है. चंद्रयान-1 से उतारा गया एक ख़ास यंत्र भारतीय झंडे के तीनों रंगों से रंगा था और उसने भारत के समय से शुक्रवार रात 8 बजकर 34 मिनट पर चांद की सतह को छुआ.

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मिसाइल मैन का मिशनतस्वीर: AP

भारत ने 35 किलो वज़न का जो यंत्र चांद पर उतारा है, उसके चारों तरफ़ भारत का तिरंगा रंगा हुआ है. वह चांद के दक्षिणी हिस्से में सफलता के साथ उतर गया है. इस तरह भारत चांद पर झंडा लहराने वाले दुनिया के गिने चुने देशों में शामिल हो गया है.

Indien Mond Rakete Raumfahrt
इसरो में ख़ुशी की लहरतस्वीर: AP

भारत के चंद्र अभियान के प्रवक्ता सी सतीश ने बताया कि चांद के मिशन पर निकला भारती अंतरिक्ष यान चंद्रयान-1 से छोड़े जाने के क़रीब 25 मिनट बाद कंप्यूटर जैसा दिखने वाला यह यंत्र चांद पर पहुंच गया. भारत के 45 साल पुराने अंतरिक्ष अभियान में इसे बड़ी सफलता मानी जा रही है.

इस यंत्र में तीन अलग अलग तरह की मशीनें लगी हैं और इसे चारों तरफ़ से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में रंगा गया है. सतीश ने बताया, "चंद्रयान से उतरते वक्त इस यंत्र ने चांद की सतह की कुछ तस्वीरें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के मुख्यालय को भेजी हैं."

भारत के पूर्व राष्ट्रपति और रॉकेट वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ने इस योजना का ख़ाका तैयार किया था. भारत का चांद अभियान लंबे वक्त से चल रहा था और इसी दौरान कलाम ने सुझाव दिया था कि यंत्र के सहारे ही भारत के तिरंगे को भी चांद पर पहुंचाया जा सकता है. इस तरह मानवरहित यान भेज कर भी भारत ने चांद पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कामयाबी हासिल कर ली.

Indien Flagge
चांद पर तिरंगा

इस ऐतिहासिक क्षण के लिए भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक लंबे वक्त से इंतज़ार कर रहे थे और जैसे ही यंत्र ने चंद्रमा के सतह को छुआ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो में जमा वैज्ञानिक ख़ुशी से झूम उठे. इसरो के अध्यक्ष माधवन नायर ने भारत के चंद्र अभियान को सफल घोषित किया.

इसरो जिस वक्त इस सफलता की जानकारी देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस कर रहा था, एपीजे अब्दुल कलाम भी वहां मौजूद थे. उन्होंने कहा कि वह इस दिन को अपनी ज़िन्दगी में नहीं भूल पाएंगे. भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम तैयार करने में कलाम की अतुलनीय भूमिका रही है.

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चलो, चांद की ओर!तस्वीर: AP#

चंद्रयान लगभग दो साल तक अपनी कक्षा में बना रहेगा और इस दौरान केमिकल, खनिज और भूगर्भीय नक्शों को तैयार करेगा. भारत के चंद्रयान में 11 वैज्ञानिक पेलोड हैं, जिनमें से पांच भारत में ही बने हैं, जबकि जर्मनी सहित दूसरे देशों की मदद से दूसरे पेलोड तैयार किए गए हैं.

अमेरिका, रूस और जापान के बाद भारत चौथा देश है, जो चांद पर इस तरह का यंत्र उतार पाने में कामयाब रहा है. भारत अब 2012 में चंद्रयान-2 भेजना चाहता है, जो चांद पर एक रोबोट उतारेगा. उस मिशन से भी काफी कुछ हासिल किया जा सकेगा.

भारत ने 22 अक्तूबर को अपने पहले चंद्रमा मिशन पर चंद्रयान-1 रवाना किया था. हालांकि भारत का अंतिरक्ष अभियान 1963 में ही शुरू हो गया था. बाद में भारत मंगल ग्रह पर भी अपना एक यान भेजने की योजना बना रहा है.

भारत इससे पहले दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और धरती के दक्षिणी ध्रुव अंटार्कटिका पर भी तिरंगा फहरा चुका है.