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गूगल के खिलाफ माइक्रोसॉफ्ट की शिकायत

१ अप्रैल २०११

दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने यूरोपीय आयोग में गूगल के खिलाफ शिकायत की है. माइक्रोसॉफ्ट का आरोप है कि गूगल जानबूझ कर उसके सर्च इंजन और स्मार्टफोन को मुफ्त बेवसाइट तक पहुंचने से रोक रहा है.

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तस्वीर: AP

गूगल के खिलाफ 'प्रतिस्पर्द्धा के विरुद्ध' काम करने की शिकायत दर्ज कराई गई है. माइक्रोसॉफ्ट का आरोप है कि गूगल सर्च इंजन बाजार का मुखिया होने की वजह से गलत फायदा उठा रहा है. आरोपों के मुताबिक गूगल सर्च के जरिए माइक्रोसॉफ्ट की सेवाओं के प्रसार में रोड़ा डाल रहा है. माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक पांच तरीकों से गूगल उसके रास्ते में रोड़े अटका रहा है:

1. ऐसे तकनीकी कदम, जिनके चलते माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन बिंग को गूगल के यू ट्यूब के नतीजे दिखाने से रोका जा रहा है.

2.माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर वाले स्मार्टफोन्स को बढ़िया ढंग से यू ट्यूब चलाने से रोका जा रहा है.

3.बिना कॉपीराइट वाली किताबों की प्रतियों तक पहुंचने का रास्ता नियंत्रित कर रहा है.

4. कई जानकारियों को खुद की बताकर अन्य कंपनियों के व्यवसाय के रास्ते बंद कर रहा है.

5. बड़ी वेबसाइट्स को गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल करने के लिए ललचा रहा है.

यूरोपीय आयोग में शिकायत दर्ज होने के बाद गूगल ने भी बयान जारी किया है. कंपनी का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट की शिकायत से उसे कोई हैरानी नहीं हुई है. गूगल का कहना है कि वह अपनी स्थिति साफ कर देगा. गूगल के खिलाफ यूरोपीय आयोग ने बीते साल नवंबर में 'प्रतिस्पर्द्धा के विरुद्ध' काम करने के आरोपों की जांच शुरू की है. तब यह शिकायत अन्य इंटरनेट कंपनियों ने दर्ज कराई.

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तस्वीर: dpa

माना जा रहा है कि यूरोपीय आयोग माइक्रोसॉफ्ट की शिकायत भी दर्ज कर लेगा. माइक्रोसॉफ्ट को सिर्फ दो बातें साबित करनी हैं. पहला कि, गूगल सर्च इंजन में खास तौर पर नाम से सर्च करने के मामले में प्रभावशाली है. दूसरा, गूगल ने अपने इस प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया.

यूरोपीय आयोग की जांच में अगर कोई कंपनी प्रतिस्पर्द्धा के विरुद्ध' के काम करने दोषी पायी जाती है तो उस पर आम तौर पर भारी जुर्माना लगता है. माइक्रोसॉफ्ट यूरोपीय आयोग के दंड का सामना पहले ही कर चुका है. 2003 में यह साबित हुआ कि माइक्रोसॉफ्ट का मीडिया प्लेयर विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ ही ठीक ढंग से चलता है. इस मामले में माइक्रोसॉफ्ट को 38.1 करोड़ पाउंड का जुर्माना भरना पड़ा. 2009 में माइक्रोचिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी इंटेल भी यूरोपीय आयोग की जांच में फंसी. इंटेल पर 94.8 करोड़ पाउंड का जुर्माना ठोंका गया. यह अब तक जुर्माने की सबसे ज्यादा राशि है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

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