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समाज

गर्मी के कहर से जूझ रहा है ऑस्ट्रेलिया का वन्य जीवन

२४ जनवरी २०१९

ऑस्ट्रेलिया में गर्मी कहर बरसा रही है जिसका सबसे बुरा असर वहां के वन्य जीवन पर पड़ रहा है. पानी की कमी की वजह से हजारों जंगली घोड़ो और ऊंटों की मौत हो रही है.

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Australia - Wilde Pferde
तस्वीर: picture-alliance/Mary Evans Picture Library/D. Parer

कुछ दिनों के आराम के बाद मध्य और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में गर्मी का कहर फिर से शुरू हो गया है जिससे वन्य जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ है. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ के 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गई है. ऐसा अनुमान है कि ऑस्ट्रेलिया दिवस (देश के राष्ट्रीय दिवस) पर विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स में तापमान और बढ़ेगा.

केंद्रीय ऑस्ट्रेलिया में गर्मी और सूखे का असर वन्य जीवन पर बहुत ही भयानक है. सांता टेरेसा बस्ती में 40 जंगली घोड़े एक सूखे तालाब के पास मरे हुए मिले हैं. रेंजर्स को 55 जंगली घोड़ों को गोली मारनी पड़ी क्योंकि वे पानी की कमी की वजह से संघर्ष कर रहे थे.

पिछले महिने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में 2500 जंगली ऊंटों को भी गोली मारनी पड़ी थी क्योंकि वे पानी की तलाश में चरते चरते बाड़ तोड़ कर खेतें में घुस गए थे. 

Australien - Kangaroo schläft im Schatten
तस्वीर: picture alliance / Mary Evans Picture Library

पर्थ से 1200 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में लेक वेल्स स्टेशन के किसान लेस स्मिथ ने एबीसी को बताया कि हजारों की संख्या में जंगली ऊंट पानी की तलाश में गिब्सन रेगिस्तान से बाहर आ गए हैं. स्मिथ ने बताया कि एक दिन 200 जंगली ऊंट पानी की तलाश में एक विंडमिल के इर्दगिर्द जमा हो गए थे."

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के केंद्र में प्रेंटी डाउन्स के टिम कारमोडी ने कहा कि वहां तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया था. उन्होनें बताया कि क्रिसमस से ले कर अभी तक उनकी 3,800 वर्ग किलोमीटर की संपत्ति पर 1200 ऊंटों को गोली मारनी पड़ी है. कारमोडी ने कहा, "मैं आपको बता नहीं सकता कि यह कितना दर्दनाक है और इससे आत्मा को कितना कष्ट पहुंचता है. जो लोग जानवरों के साथ काम करते हैं उनके लिए यह बहुत ही मुश्किल है."

जानवरों के अलावा रेगिस्तानी पक्षियों का झुंड भी पूर्व की तरफ पानी की तलाश में चला गया है. सिडनी में पहली बार एक डीसैलिनैशन प्लांट को चालू किया गया है क्योंकि बांध में पानी का स्तर 60 प्रतिशत से कम हो गया है. इस प्लांट से पानी में मौजूद अत्यधिक खनिज और सोडियम को साफ किया जाता है.

पूरे देश में कई जगहों पर आग जलाने पर बैन लगाया गया है. फिलहाल सिर्फ उत्तरी ऑस्ट्रेलिया ही इस भीषण गर्मी के कहर से बचा हुआ है.

एनआर/आईबी (डीपीए)