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गर्भपात के मुद्दे पर आयरलैंड में जनमत संग्रह

३० जनवरी २०१८

हाल के सालों में दुनिया ने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर तो कई जनमत संग्रह देखे लेकिन अब यूरोपीय देश आयरलैंड ने गर्भपात जैसे मसले पर जनमंत संग्रह कराने का फैसला किया गया है. इस साल मई में जनता इस पर अपना पक्ष रखेगी.

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Irland Bekanntgabe von Referendum in Dublin - Katherine Zappone, Leo Varadkar und Simon Harris
तस्वीर: Reuters/C. Kilcoyne

क्या गर्भपात पर प्रतिबंध लगाना उचित है? या ऐसे कानून को हटाना बेहतर होगा? इन सवालों पर फैसला लेने के लिए अब आयरलैंड की सरकार ने मई में जनमत संग्रह कराने का फैसला लिया है. . साथ ही यह मुद्दा इस देश में बेहद संवेदनशील भी है. लेकिन देश के युवा प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने इस पर जनमत संग्रह कराने का फैसला लिया है. उन्होंने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि आयरलैंड के लोगों के लिए इस मुद्दे पर फैसला लेना आसान नहीं होगा.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वराडकर ने कहा, "यह एक ऐसा निर्णय होगा जहां हमें तय करना होगा कि क्या हम अपनी बहनों, अपने साथियों और अपने दोस्तों को अपराधी बनाना जारी रखना चाहते हैं या नहीं. इस जनमत संग्रह में मतदाताओं से पूछा जाएगा कि क्या वह इस मुद्दे पर संवैधानिक प्रतिबंध को बनाए रखना चाहते हैं या इसे हटाने के लिए सहमत है और आयरलैंड की संसद को इसमें बदलाव की अनुमति देते हैं."

तीन साल पहले आयरलैंड में समलैंगिक शादियों के मुद्दे पर भी जनमत संग्रह कराया गया था और लोगों ने इसका दिल खोल कर समर्थन किया था. कैथोलिक परंपराओं को मानने वाले इस देश में यह बड़ा बदलाव था. वराडकर ने कहा कि कैबिनेट ने इस मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की औपचारिक अनुमति दे दी है. वराडकर देश के पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है जब यूरोप में गर्भधारण से जुड़े कड़े कानूनों के खिलाफ फैसला लिया जाए.

गर्भपात, आयरलैंड में हमेशा से ही गैरकानूनी रहा है. लेकिन 1983 में देश के संविधान में एक संशोधन किया गया जिसके तहत मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को ही "जिंदगी का अधिकार" दिया गया. तीन दशक बाद अब इस कानून में बदलाव की मांग उठ रही है. साल 2012 में एक भारतीय गर्भवती महिला की इसलिए मौत हो गई थी क्योंकि तमाम जोखिमों के बाद भी उसे गर्भपात की अनुमति नहीं दी गई थी. इस जनमत संग्रह में मतदाताओं से पूछा जाएगा कि क्या वह संसद को इस कानून में संशोधन की अनुमति देंगी. आयरलैंड के संविधान में जनमत संग्रह कराए बिना संशोधन नहीं किया जा सकता.

वराडकर ने कहा कि गर्भपात का विकल्प आयरलैंड में महिलाओं के लिए बेहद ही असुरक्षित, अनियंत्रित और गैरकानूनी है. फिलहाल हर साल हजारों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए आयरलैंड से बाहर जाना होता है. जो देश में रहती हैं वह गर्भपात के लिए ऑनलाइन एबॉर्शन पिल्स का इस्तेमाल करती हैं. वेराडकर ने कहा, "हम अपनी चिंताओं का निर्यात कर समाधानों का आयात नहीं कर सकते." 

एए/एमजे (एएफपी)