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गद्दाफी को सत्ता छोड़नी ही होगीः अमेरिका

११ जुलाई २०११

अमेरिकी विदेश विभाग ने यह साफ कर दिया है कि हर हाल में लीबियाई शासक कर्नल गद्दाफी को अपनी 41 साल पुरानी सत्ता छोड़नी होगी और इससे कम पर कोई समझौता नहीं होगा. फ्रांस की तरफ से राजनीतिक हल ढूंढने की पेशकश के बाद आया बयान.

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नाटो की कार्रवाई का डट कर मुकाबला कर रही है गद्दाफी की सेनातस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा है, "लीबिया की जनता को यह तय करना है कि परिवर्तन कैसे होगा. लेकिन हम अपने इस रुख पर कायम हैं कि गद्दाफी सत्ता पर काबिज नहीं रह सकते." इससे पहले रविवार को फ्रांस के रक्षा मंत्री गेरार्ड लॉन्गुएट ने पेरिस में कहा कि अब वक्त आ गया है जब गद्दाफी के वफादारों और लीबीयाई विद्रोहियों को एक मेज पर बैठ कर मसले का कोई राजनीतिक हल ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि ताकत से कोई हल निकलने वाला नहीं है.

गद्दाफी मंजूर नहीं

विद्रोहियों ने मांग की है कि सत्ता में बदलाव के लिए किसी भी बातचीत के शुरू होने से पहले गद्दाफी को सत्ता छोड़नी होगी. लेकिन गद्दाफी के वफादार इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह नाटो के साथ मिल कर लीबिया पर संयुक्त राष्ट्र से पारित नो फ्लाई जोन लागू रखने के लिए काम करता रहेगा. नो फ्लाई जोन आम नागरिकों पर हमले रोकने के लिए लागू किया गया है.

NO FLASH Gaddafi
गद्दाफी सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं दिखतेतस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है, "हमारी कोशिशों में वक्त लगेगा, लेकिन हमें कोई गलती नहीं करनी है. गद्दाफी पर राजनीतिक, सैनिक और आर्थिक दबाव का बढ़ना जारी रहेगा. जब तक लीबियाई लोग सुरक्षित नहीं हो जाते, उनकी मानवीय जरूरतें पूरी नहीं हो जातीं और सत्ता परिवर्तन पूरी तरह से शुरू नहीं हो जाता, तब तक सहयोगी देशों का दबाव कायम रहेगा."

गद्दाफी पर बढ़ता दवाब

नाटो के लड़ाकू जहाज लीबियाई सरकार के ठिकानों को मार्च से ही निशाना बना रहे हैं. ये हमले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक नागरिकों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे हैं. गद्दाफी ने सत्ता छोड़ने की मांग ठुकरा दी है और नाटो के अभियान को लीबिया का तेल हासिल करने के लिए साम्राज्यवादी कदम बताते हुए उसकी आलोचना की है.

Graffiti in einer Straße in Tunis, Tunesien: "Gaddafi ist eine Gefahr für die tunesische Revolution" Kopierecht: Mustafa Fetouri , libyscher Schriftsteller, DW (arabisch) Gaskommentar.
गद्दाफी के विरोधी भी ट्यूनीशिया और मिस्र जैसी क्रांति चाहते हैंतस्वीर: DW/Mustafa Fetouri

अमेरिकी विदेश विभाग का मानना है कि नाटो का अभियान गद्दाफी पर दबाव बना रहा है और लीबियाई विपक्षी परिषद ट्रांजिशनल नेशनल काउंसिल देश की जनता की बेहतर प्रतिनिधि के रूप में सामने आ रही है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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