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गद्दाफी के हाथ से खिसकती जमीन

२७ फ़रवरी २०११

विद्रोह की आंच से तप रहे लीबिया से खबर आ रही है कि विद्रोहियों ने तीसरे बड़े शहर मिसुराता पर भी कब्जा कर लिया है. अल जजीरा टीवी पर आ रही खबरों के मुताबिक गद्दाफी के वफादार सैनिकों और अधिकारियों ने मिसुराता छोड़ा.

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तस्वीर: AP

राजधानी त्रिपोली से मिसुराता की दूरी करीब 200 किलोमीटर है और लंदन के एक अखबार अशरक अल अवसात के मुताबिक त्रिपोली के बस आधे हिस्से पर ही गद्दाफी का नियंत्रण रह गया है. एक दिन पहले ये खबर आई कि गद्दाफी के समर्थकों ने शहर में जगह जगह बैरीकेड लगा दिए हैं जिससे कि विद्रोही उन हिस्सों में न जा सकें जिन पर गद्दाफी का नियंत्रण है. गद्दाफी का गढ़ मानने जाने वाले बाब अल अजीजीया की सुरक्षा के लिए टैंक, बख्तरबंद गाड़ियों और मिसाइल लॉन्चर की तैनाती की गई है.

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तस्वीर: AP

पिछले हफ्ते गद्दाफी से बगावत करने वाले पूर्व न्याय मंत्री मुस्तफा अब्देल जलील ने पूर्वी शहर बेनगाजी में अंतरिम सरकार के गठन का एलान कर दिया है. बेनगाजी शहर की काउंसिल के एक सदस्य ने अब्देल जलील को प्रांतीय सरकार का नेता चुनने की जानकारी दी. शनिवार को भी इस तरह की खबरें आ रही थी कि गद्दाफी के विरोधी अब्देल जलील को वैकल्पिक सरकार का मुखिया बनाने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि फिलहाल ये नहीं पता चल सका है कि अब्देल जलील के समर्थन में कितने लोग हैं.

प्रदर्शनकारियों ने बेनगाजी में भारी हिंसा के बाद शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया है. यहां हुई हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है. अशरक अल अवसात ने ये भी खबर दी है कि कई अधिकारियों ने लीबिया की खुफिया सेवा और सैन्य समितियों से नाता तोड़ लिया है. सुरक्षा मामलों से जुड़े एक सूत्र ने ये भी खबर दी है कि खुफिया सेवा के आधे से ज्यादा अधिकारियों ने गद्दाफी का साथ छोड़ दिया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उ भ

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