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समाज

खुद को जीवित साबित करते-करते बूढ़ी हो गईं दो बहनें

२८ जनवरी २०१९

जाली दस्तावेज बनवाना भारत में कोई मुश्किल काम नहीं है. लेकिन अगर किसी दिन आपको पता चले कि आपकी मौत का सर्टिफिकेट बनवाया जा चुका है तो कैसा लगेगा? छत्तीसगढ़ की दो महिलाओं के साथ कुछ ऐसा ही हुआ.

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Indien Kondagaon | zwei alte Frauen - Kampf mit Behörden
खुद को जिंदा साबित करने में जुटी दो बहनें तस्वीर: IANS

जमीन विवाद से संबंधित मामले में न्याय की आस लिए दो वृद्धा जिला मुख्यालय कोंडागांव नगर के तहसील कार्यालय में पहुंची थीं. महिलाओं को उनके ही सगे भाई ने जमीन हड़पने के लिए लगभग 18 वर्ष पूर्व मृत घोषित कर राजस्व रिकॉर्ड से उन दोनों सगी बहनों के नाम कटवाकर अपना नाम चढ़वा लिया था.

दोनों बहनों ने समाचार एजेंसी आईएनएस को बताया कि वे ग्राम पंचायत चिखलपुटी के आश्रित ग्राम चिचपोलंग की निवासी हैं. उनके पिता की मौत के बाद उनके पिता के जमीन संबंधी राजस्व रिकॉर्ड में उन दोनों के साथ सगे भाई का नाम भी संयुक्त रूप से दर्ज कराया गया था. सभी अपने-अपने हिस्से में खेतीबाड़ी करते थे. अचानक एक दिन उनके नाम पर बैंक से कर्ज वसूली का नोटिस मिला, जबकि उनकी ओर से बैंक से कोई कर्ज लिया ही नहीं गया था.

जब उनके बेटे ने पूरे मामले की जानकारी ली, तो ज्ञात हुआ कि भाई ने ही उनके नाम पर कर्ज लिया था. फिर कर्ज न चुकाना पड़े और जमीन हड़पने की नीयत से उन्होंने राजस्व रिकॉर्ड में अपनी दोनों जीवित बहनों को मृत घोषित करा दिया और पूरी जमीन अपने नाम पर करा ली. सगे भाई की चालबाजी की शिकार होने के बाद से दोनों बहनें वृद्धावस्था और शारीरिक रूप से नि:शक्त होने के बावजूद विभिन्न न्यायालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. फिलहाल मामला तहसील न्यायालय में अटका हुआ है.

मनाय बाई के बेटे राजू ने बताया कि उसके मामा ने अपनी बहन के नाम पर बैंक से 50 हजार रुपये कर्ज लिया था. बाद में कागजों में हेराफेरी कर उन्हें मृत बता दिया. इस मामले में अपनी हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते उन्हें लगभग 18 साल लग गए हैं.

मनोज शर्मा (आईएएनएस)

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