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खत लीक करना देशद्रोहः सेना प्रमुख

२९ मार्च २०१२

भारत के सैन्य प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा है कि इतने गंभीर पत्र के सार्वजनिक हो जाने को राजद्रोह की तरह देखा जाना चाहिए और इसे लीक करने वाले के साथ कोई दया नहीं दिखानी चाहिए. पीएम को लिखी उनकी चिट्ठी लीक हो गई है.

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तस्वीर: dapd

चिट्ठी के सार्वजनिक होने के मुद्दे पर जनरल वीके सिंह के इस्तीफे की मांग की जा रही है. जनरल सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब रक्षा मंत्रालय खुफिया विभाग को इस खत के मीडिया में लीक की जांच ने आदेश दे चुका है.

सरकार और सेना प्रमुख के बीच पत्र के सार्वजनिक होने के कारण तनाव और बढ़ गया है. जनरल वीके सिंह ने कहा है कि उनकी प्रतिष्ठा को धूल में मिलाने की स्वार्थी कोशिशें रुकनी चाहिए.

भारतीय सेना प्रमुख ने फौज की बुरी हालत के बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक चिट्ठी लिखी. यह मीडिया में लीक हो गई. इसकी वजह से पहले से ही मुश्किलों में घिरे सेना प्रमुख की परेशानी बढ़ गई. जनरल सिंह फिलहाल जम्मू कश्मीर में हैं. उनका कार्यकाल 31 मई को खत्म हो रहा है. सैन्य मुख्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के साथ उनकी बातचीत गोपनीय होती है. "पत्र के इस तरह लीक होने को देशद्रोह जैसा माना जाना चाहिए. और मेरी छवि को खराब करने की कोशिशें रुकनी चाहिए. चिट्ठी लीक करने वाले का पता लगना चाहिए और उसे सजा देने के मामले में कोई दया नहीं दिखाई जानी चाहिए."

इस खत के सार्वजिनिक होने पर संसद ने एक स्वर में उन्हें हटाए जाने की मांग की. हालांकि सरकार और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर सहमत हैं कि इस तरह चिट्ठी लीक नहीं होनी चाहिए. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री से पहले सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री से सीधे बात क्यों नहीं की. जनरल पर अनुशासन तोड़ने के भी आरोप लग रहे हैं.

इंटरव्यू में रिश्वत की पेशकश दिए जाने की बात कहने के बाद से जनरल वीके सिंह विवादों में हैं और सरकार के साथ उनके संबंध खट्टे हो गए हैं. जनरल वीके सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें घटिया गाड़ियों का सौदा पक्का करने के लिए 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई. रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इसके बाद कहा, "हमने मामला पूरी गंभीरता से नोट कर लिया है. प्रधानमंत्री और अन्य सहयोगियों से बात करने के बाद हम कार्रवाई करेंगे."

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः ए जमाल