1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्रिकेट का युग बदलने वाला है

१८ फ़रवरी २०११

इस वर्ल्ड कप के बाद क्रिकेट की दुनिया हमेशा के लिए बदल जाएगी क्योंकि अगले महाकुंभ तक न तो क्रिकेट के भगवान क्रीज पर होंगे न कुख्यात गेंदबाज शोएब अख्तर, पॉन्टिंग अपना बल्ला टांग देंगे और ब्रेट ली का तूफान थम चुका होगा.

https://p.dw.com/p/10JLG
तस्वीर: picture alliance/dpa

क्रिकेट खिलाड़ियों की कम से कम दो पीढ़ी आंखों में सचिन, पोंटिंग को आउट करने और शोएब, ब्रेट ली की गेंद पर छक्का मारने के सपने देख कर जवान हुई है.पिछले 20 सालों में क्रिकेट के सभी रूपों से 50,000 से ज्यादा रन और 1000 से ज्यादा विकेटों को निकालने से जो कुछ बचेगा इन चारों खिलाड़ियों के बगैर क्रिकेट बस उतना ही है. हालांकि ये खिलाड़ी आंकड़ों के लिए नहीं जाने जाते. दुनिया के कोने कोने में बसे उन लोगों से पूछिए जो क्रिकेट को सचिन की वजह से जानते हैं, उन लोगों की आंखों में झांक कर देखिए जिसमें सचिन को खेलते देख अनोखी चमक पैदा होती है.

अपने देखने और खेलने वालों के साथ क्रिकेट लगातार बदल रहा है और इस बदलाव के साथ इन महानायकों ने जिस तरह खुद को साबित किया है उससे इनके कद का अहसास होता है. बीते 20 सालों में क्रिकेट ने बहुत कुछ देखा है. ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को पैर जमाते और फिर लड़खड़ाते देखा है. बांग्लादेश को क्रिकेट में उभरते देखा है. पांच दिनों के खेल को कुछ घंटों में सिमटते देखा है, सबसे लोकप्रिय फॉर्मैट वनडे पर सवाल उठते देखा है और इन सबके बीच सचिन को लगातार बल्लेबाजी करते देखा है. आधा दर्जन कप्तानों की अगुवाई में खेल चुके सचिन पिछले 15 सालों से भारतीय टीम का अनिवार्य हिस्सा हैं और कप्तान कोई भी हो खिलाड़ियों को हौसला उनकी मौजूदगी से मिलता है.

Flash-Galerie Ricky Ponting
तस्वीर: AP

सचिन के बाद क्रिकेट में दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज के रूप पोंटिंग का नाम आता है जो अपनी अगुवाई में टीम को दो बार वर्ल्ड कप जिता चुके हैं और अब तीसरे की जंग शुरू हो चुकी है. ब्रैडमैन के बाद सबसे बड़े ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पोंटिंग ने अपनी अगुवाई में क्रिकेट में ऑस्ट्रेलियाई बादशाहत को एक दशक के लिए और आगे बढ़ा दिया. बल्लेबाज और कप्तान दोनों रूपों में बेहद सफल पोंटिंग को किसी वक्त तेंदुलकर के आंकडों के लिए खतरा समझा जाता था पर इस होड़ में पिछड़ने के बावजूद उनका खेल ऑस्ट्रेलियाई टीम और क्रिकेट के लिए अहम बना रहा. जानकार क्रिकेट में ऑस्ट्रेलियाई बादशाहत के खत्म होने के दावे कर रहे हैं और इसकी आहट भी सुनाई पड़ने लगी है. पोंटिंग को भी पता है कि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप है और ऐसे में वह इस सवाल का दमदार जवाब दे सकते हैं.

Flash-Galerie Cricket Spieler Shoaib Akhtar
तस्वीर: APImages

युवा खिलाड़ियों में आपको कई ऐसे गेंदबाज मिल जाएंगे जो क्रिकेट में आए तो सचिन को देख कर लेकिन रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर की गेंदों की धार देख उन्होंने बल्ला छोड़ गेंदबाजी को अपना लिया. 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंक चुके शोएब के सामने खड़े बल्लेबाजों की घिग्घी बंध जाती है. शोएब के हाथो से निकली गेंद सामने खड़े किसी भी दीवार को ध्वस्त करने के लिए तोप के गोले की तरह बढ़ती है. बार बार विवाद और नशीली दवाओं में फंस कर भी शोएब की तेजी उन्हें टीम में वापस ले आती है. हालांकि इस तेजमिजाजी की उन्हें कई बार कीमत भी चुकानी पड़ी है.

Brett Lee
तस्वीर: Whatisthefrequencykenneth

शोएब के मिजाज से उलट एक गेंदबाज ऐसा भी है जिसकी गेंदों में तो वही धार है लेकिन स्वभाव बिल्कुल अलग. ब्रेट ली के हाथों से निकली गेंद चलती तो है तूफान की तरह पर इसका असर उनके चेहरे पर नहीं होता. नतीजा कई बार तो बल्लेबाज उनके चेहरे की मुस्कुराहट से ही धोखा खा जाते हैं. दुनिया के किसी भी कोने में ब्रेट ली की गेंदबाजी एक जैसी होती है. पिछले डेढ़ दशक में ऑस्ट्रेलया के जिस बादशाहत की हर जगह चर्चा होती है उसे कायम करने वालों में इस तेज गेंदबाज की बड़ी भूमिका है. ब्रेट ली का करिश्मा लोगों ने और देखा होता अगर चोटों ने उनकी राह न रोकी होती. हर बार चोट उन्हें मैदान से दूर कर देती पर वो फिर से उबर कर उफनाई हुई लहरों की तरह वापस लौटते रहे. गेंदों से तूफान उठाते रहे.

बीते दौर में कई बार इन खिलाड़ियों का वक्त खत्म होने की बात कही गई पर वास्तव में ऐसा हुआ नहीं. हर मैच के साथ ये दिग्गज और मजबूत होते गए. बीते 15 सालों ने मजबूत टीम होने के बावजूद टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जीतने में नाकाम होते देखा है, मैच फिक्सिंग और विवादों के साए में घिरे पाकिस्तान की शानदार टीम को बिलखते देखा है, ऑस्ट्रेलिया को तीन बार लगातार वर्ल्ड चैम्पियन बनते देखा है. पर लोगों ने इन खिलाड़ियों बगैर क्रिकेट नहीं देखा है. कोई देखना चाहता भी नहीं पर वक्त हो चला है. वर्ल्ड कप के बाद क्रिकेट का युग बदलने वाला है..

रिपोर्टः निखिल रंजन

संपादनः अनवर जे अशरफ