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अफगानिस्तान में भारतीयों को लेकर चिंता

१६ अगस्त २०२१

अफगानिस्तान में अभी भी कई भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं. काबुल पर भी तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद अब यह साफ नहीं हो पा रहा है कि उनकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी और उन्हें वहां से कैसे निकाला जाएगा. 

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तस्वीर: AFP

15 अगस्त को ही एयर इंडिया के एक विमान से 129 भारतीयों को काबुल से नई दिल्ली लाया गया. आज भी एक और विमान का काबुल से आना निर्धारित था लेकिन अब काबुल का पूरा हवाई क्षेत्र ही बंद कर दिया गया है. ऐसे में भारत समेत कई देशों में उनके नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाल लेने को लेकर चिंता बढ़ गई है.

अनुमान है कि वहां अभी भी कम से कम 1000 भारतीय नागरिक हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि करीब 200 सिख अफगानिस्तान में एक गुरुद्वारे में फंसे हुए हैं.

सैकड़ों भारतीय फंसे

सिंह ने ट्वीट करके विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि उन सब के साथ साथ वहां फंसे सभी भारतीयों को भारत लाने का प्रबंध किया जाए. विदेश मंत्रालय ने इस विषय पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है.

काबुल का हवाई क्षेत्र बंद होने से पहले काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अराजक स्थिति हो चुकी थी. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें हवाई अड्डे पर खड़े एक विमान में चढ़ने के लिए लोगों में होड़ लगी हुई है.

हताशा भरी इस स्थिति के बीच काबुल हवाई अड्डे पर कम से कम पांच लोगों के मारे जाने की खबर भी आई. एक चश्मदीद गवाह ने बताया कि उसने सैन्यकर्मियों को पांच लाशों को एक गाड़ी के पास ले जाते हुए देखा.

सरकार की आलोचना

यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन लोगों की मौत गोली चलने से हुई या भगदड़ से. इसके पहले अमेरिकी सैनिकों ने हवाई अड्डे को नियंत्रण में लेने के बाद वहां जमा भीड़ को हटाने के लिए हवा में गोली चलाई थी.

इस बीच भारत में विपक्षी पार्टियों ने इस परिस्थिति से निपटने के लिए कोई पुख्ता योजना ना बनाने के लिए भारत सरकार की आलोचना की. कांग्रेस पार्टी ने एक संदेश में कहा कि सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों, राजदूतों को वापस लाने के बारे में कोई योजना ना बनाना "सरकार की जिम्मेदारी में सख्त कोताही का ज्वलंत उदाहरण है."

पार्टी ने मांग की है कि सरकार यह बताए कि सभी को कैसे सुरक्षित वापस लाया जाएगा और "अफगानिस्तान के साथ हमारी भविष्य की रणनीति क्या होगी."

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