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कोपेनहेगेन की गोलीबारी को पुलिस ने आतंकवाद नहीं माना

४ जुलाई २०२२

डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन के एक भीड़ भरे शॉपिंग मॉल में अंधाधुंध गोली चलाने की घटना को पुलिस ने "आतंकवाद की कार्रवाई" नहीं माना है. रविवार को हुई गोलीबारी में 3 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हैं.

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Dänemark | Schüsse im Einkauszentrum Fields in Kopenhagen
तस्वीर: Mads Claus Rasmussen/Ritzau Scanpix/AFP/Getty Images

डेनमार्क की पुलिस के मुताबिक गोली चलाने वाले शख्स ने अकेले ही पूरी घटना को अंजाम दिया और उसकी गोलियों के शिकार हुए लोग अलग-अलग थे. स्कैंडिनेवियाई देशों के सबसे बड़े शॉपिंग सेंटरों में से एक में हुई इस घटना के पीछे के मकसद का पता पुलिस अब तक नहीं लगा सकी है. गोली चलाने वाला शख्स पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस ने 22 साल के शख्स को एक राइफल और चाकू के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि उसके पास एक और बंदूक भी थी. वह डेनमार्क का ही रहने वाला है.

पुलिस के मुताबिक उसने हथियारों को अवैध तरीके से हासिल किया था और मानसिक स्वास्थ्य सेवा के पास उसकी जानकारी दर्ज है. हालांकि पुलिस ने इस बारे में और ब्योरा नहीं दिया है. गोली के शिकार हुए लोगों में एक लड़का लड़की हैं, जिनकी उम्र 17 साल है. ये दोनों डेनमार्क के ही रहने वाले हैं. 47 साल का एक रूसी आदमी भी इन गोलियों का शिकार बना है. इसके अलावा चार लोग गोली लगने से घायल भी हुए हैं, जिनकी हालत गंभीर लेकिन फिलहाल स्थिर है. कुल मिला कर 30 लोगों को चोटें आई हैं, जिनमें सबसे ज्यादा लोग गोली चलने के कारण मची भगदड़ की चपेट में आये हैं.

गोलीबारी के बाद मची भगदड़ में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए
गोलीबारी के बाद मची भगदड़ में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए तस्वीर: RITZAU SCANPIX via REUTERS

इससे पहले यहां इस स्तर की घटना फरवरी 2015 में हुई थी. तब 22 साल का एक शख्स पुलिस की गोलीबारी में मारा गया था. उससे पहले उसने दो लोगों को गोली मार दी थी और गोलीबारी में पांच पुलिस वाले घायल भी हुए थे.

औपचारिक तौर पर आरोप दर्ज नहीं हुए

रविवार की घटना के बाद गिरफ्तार शख्स को सोमवार दोपहर बाद अदालत में पेश किया जायेगा. उस पर शुरुआती रूप से हत्या का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने उस पर अभी औपचारिक रूप से आरोप नहीं लगाये हैं. पुलिस अधिकारी सोरेन थोमैसन का कहना है कि बंदूकधारी की किसी ने मदद की हो, इस बात के अभी कोई संकेत नहीं मिले हैं. गोली चलाने का मकसद भी अभी पता नहीं चला है.

थोमैसन का कहना है, "हमारी जांच में कुछ नहीं मिला है, ना ही उन दस्तावेजों में या उन चीजों में जिन्हें हमने देखा है. चश्मदीदों के बयानों से जो जानकारी हमें मिली है उनमें भी ऐसा कुछ नहीं है, जिसके आधार पर हम इसे आतंकवाद की कार्रवाई कहें."  इससे पहले थोमैसन ने संदिग्ध की "एथनिक डेन" के रूप में पहचान की थी. आमतौर पर इसका मतलब गोरे लोग होता है.

गोलीबारी के बाद भगदड़ मच गई
गोलीबारी के बाद भगदड़ मच गईतस्वीर: RITZAU SCANPIX via REUTERS

डैनिश ब्रॉडकास्टर टीवी2 ने आरोपी बंदूकधारी की एक धुंधली सी तस्वीर भी जारी की है, जिसमें एक शख्स घुटनों तक की शॉर्ट्स और बिना बाजू वाली शर्ट या फिर बनियान पहलने हुए है. उसके दाहिने हाथ में एक राइफल भी नजर आ रहा है. 

रविवार के हमले से एक हफ्ते पहले पड़ोसी देश नॉर्वे में भी गोलीबारी हुई थी, जिसमें पुलिस के मुताबिक ईरानी मूल के एक नॉर्वेजियन आदमी ने समलैंगिकों के एक उत्सव के दौरान गोलीबारी की थी. इसमें दो लोगों की मौत हुई और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए.

एनआर/एसएम (एपी, रॉयटर्स)

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