कैसे हो सागर की सफाई
तैरने के लिए गंदे हो चुके बाल्टिक सागर की सफाई के लिए अब बातचीत हो रही है. बाल्टिक सागर पर बसे देशों के पर्यावरण मंत्री इसके लिए योजना बना रहे हैं.
नहाने में फिर मजा
कोपेनहेगन की जलपरी के पास बाल्टिक सागर के देशों के मेहमान आ रहे हैं. वे डेनमार्क की राजधानी में मिलजुलकर बाल्टिक सागर को साफ करने की मुहिम को हरी झंडी दिखाएंगे.
फैली नीली काई
ग्दांस्क खाड़ी में 2010 की गर्मियों में इतनी काई जम गई कि उसका फैलाव जर्मनी जितना हो गया और सैटेलाइट से भी साफ दिखाई देने लगा. ये साइनोबैक्टीरिया जहर पैदा करते हैं जो मछलियों, छोटे समुद्री जीवों और इंसानों के लिए भी घातक हैं.
खाद का अत्यधिक इस्तेमाल
साइनोबैक्टीरिया तब पैदा होते हैं जब पानी में पर्याप्त पोषक तत्व हों और गर्मियां भी काफी हों. किसान बहुत ज्यादा खाद का इस्तेमाल करें, तो बारिश के पानी में घुलकर नाले और नदी से होता हुआ नाइट्रेट और फॉस्फेट बाल्टिक सागर में पहुंचता है.
फॉस्फेट पर काबू
पहले वॉशिंग मशीन के कारण काफी फॉस्फेट जमीन में जाता था. आज जर्मनी में कपड़े धोने के सभी साबुन फॉस्फेट फ्री हैं, उनकी जगह कम नुकसानदेह तत्वों ने ले ली है. लेकिन बर्तन धोने की मशीन के लिए बिना फॉस्फेट वाला साबुन नहीं बना है.
सिर्फ साफ पानी आए
आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बिना साफ बाल्टिक सागर की कल्पना नहीं की जा सकती. स्टाफेनहागेन का यह प्लांट मेक्लेनबुर्ग वेस्ट पोमेरेनिया का दूसरा सबसे बड़ा ट्रीटमेंट प्लांट है. यह ढाई लाख लोगों और तीन कारखानों का गंदा पानी साफ करता है.
कचरा साफ
प्लास्टिक की थैलियां, तेल, मरे हुए जानवर भी समंदर के लिए उतने ही नुकसानदेह हैं जितने डायोक्सीन और अधजले कचरे. इसलिए ब्रुंसबुटेल के इस अत्याधुनिक प्लांट जैसे कचरा जलाने वाले प्लांट की जरूरत है जहां कचरे को सुरक्षित रूप नष्ट किया जा सके.
डीजल ठीक
बड़े समंदरों की तुलना में बाल्टिक में जहाजों के लिए कड़े नियम हैं. यहां के लिए कप्तानों को कम सल्फर वाला हल्का डीजल भरना अनिवार्य है. अशुद्ध भारी कच्चे तेल के इस्तेमाल पर यहां रोक है. कुछ जहाज तो यहां तरल गैस से चलते हैं.
गंभीर स्थिति के लिए
बाल्टिक सागर के सफाई अभियान का आपात स्थिति की तैयारी भी जरूरी हिस्सा है. पर्यावरण संरक्षण की सारी कोशिशों के बावजूद दुर्घटना तो कभी भी हो सकती है. यहां तकनीकी कर्मचारी तेल को रोकने और समुद्र तट को साफ करने का अभ्यास कर रहे हैं.
ताकि मुश्किल न हो
भारी सर्दियों में जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बहुत बड़ा होता है. इस दौरान बाल्टिक सागर में बर्फ की इतनी तह जमी होती है कि वैसे ही यहां से बहुत कम जहाज गुजरते हैं. इसके लिए बर्फ तोड़ने वाले जहाज को रास्ता बनाना पड़ता है.
सीमा में घुसपैठ
यह केंकड़ा चीन से आया है. लेकिन वह यहां अपनी संख्या नहीं बढ़ा सकता क्योंकि यहां के पानी में नमक काफी नहीं है. यह कभी किसी जहाज के साथ इस समंदर में आ गया. अब जहाजों को यहां आने से पहले अपना पानी बदलना होगा.
कचरे का डिब्बा
कई साल तक बाल्टिक सागर को कूड़ेदान की तरह इस्तेमाल किया गया. दो विश्वयुद्धों के बाद यहां तल पर करीब तीन लाख टन हथियार पड़े हैं. जैसे कि यह बम जिसे 2006 में रुगेन द्वीप पर उड़ा दिया गया. यहां पड़े रासायनिक हथियार और खतरनाक हैं.
भविष्य के लिए
बाल्टिक सागर को साफ होने में काफी समय लगेगा. लेकिन इलाके के नागरिक संरक्षण के हर कदम के लिए शुक्रगुजार हैं.