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किराया बढ़ा कर मुसीबत में फंसे रेल मंत्री

१४ मार्च २०१२

भारतीय संसद में रेल बजट पेश होने के साथ ही बवाल मच गया है. रेल मंत्री ने सभी दर्जे के यात्रियों के लिए किराया बढ़ाने का एलान कर मुसीबत मोल ली. रेल मंत्री की अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस विरोध करने वालों में सबसे आगे है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

बुधवार का दिन भारत सरकार के लिए एक और असहज स्थिति लेकर आया. भारतीय रेल के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि रेल बजट पेश करने के बाद रेलमंत्री को अपनी ही पार्टी से इतना सख्त विरोध झेलना पड़ा है. सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि तृणमूल नेता ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने उनसे यहां तक कह दिया है कि या तो बढ़े किराए को वापस लिया जाए या फिर रेल मंत्री इस्तीफा दे दें.

साल 2012-13 का रेल बजट पेश करते हुए रेल मंत्री ने बड़े आत्मविश्वास के साथ भारतीय रेल को जापान और यूरोप के रेल नेटवर्क जितना साफ, सुंदर, सजीला, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने का एलान किया. इन सब के लिए बड़ी मात्रा में धन की जरूरत होगी और रेल मंत्री ने अगले 10 सालों में करीब 14 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की जरूरत बताई. रेलवे अपने साधन से कुछ रकम जुटा सके इसके लिए पिछले 9 सालों से स्थिर रेलयात्रियों के किराए को भी बढ़ाने का एलान कर दिया. बस यही बात विपक्ष के साथ सत्ताधारी पार्टी को भी नागवार गुजर गई.

विपक्ष का विरोध तो अपनी जगह है लेकिन रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को सबसे ज्यादा विरोध अपनी ही पार्टी के भीतर से झेलना पड़ रहा है. उनकी पार्टी रेल किराए में बढ़ोत्तरी को जनविरोधी कदम मान रही है और इसे तुरंत वापस लेने की जिद पर अड़ी हुई है. तृणमूल नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने एक भारतीय समाचार चैनल से बातचीत में कहा, "कोई भी भारत की जनता की भलाई के बारे में ममता बनर्जी से ज्यादा अच्छी समझ नहीं रखता. उन्होंने माना है कि रेल किराया बढ़ाना जनता के हितों के खिलाफ है और इसलिए पार्टी इसकी मंजूरी नहीं देगी."

रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने साफ कहा है कि सुविधा और सेवा को बेहतर बनाने के लिए कई सालों से स्थिर किराए को बढ़ाया जाना जरूरी है. बजट में दूसरे दर्जे के किराए में 2 पैसे प्रति किलोमीटर जबकि एसी दर्जे के किराए में 10-30 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से बढ़ोतरी की गई है. रेल बजट में इस साल 75 नई एक्सप्रेस गाड़ियां और 21 सवारी गाड़ियां चलाने की बात कही गई है. रेलवे ने एक साल के भीतर एक लाख रेल कर्मचारियों की भर्तियां करने का भी एलान किया है. रेलवे की सुरक्षा मामलों के लिए एक अलग अथॉरिटी बनाने की भी योजना है.

बजट पेश करते वक्त यात्रियों की सुरक्षा को अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता बताते हुए रेल मंत्री ने कहा, "मेरे ध्यान में है, सुरक्षा, सुरक्षा और सुरक्षा." रेल मंत्री ने कहा कि रेल हादसों में किसी की जान न जाए इस लक्ष्य के साथ रेलवे अपने सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को तैयार कर रहा है.

पहली बार रेल बजट पेश कर रहे तृणमूल नेता दिनेश त्रिवेदी ने रेल के बुनियादी ढांचे के विकास और सुरक्षा पर खास ध्यान देने की बात कही. बड़ी संख्या में रेल के कोच और इंजन खरीदने की योजना के साथ ही रेलवे स्टेशनों को हवाईअड्डे की तर्ज पर विकसित करने और सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य रखा गया है. रेल मंत्री ने बताया कि सरकार ने इस साल के बजट में ट्रैक और सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने, नई लाइन बिछाने और नई ट्रेन चलाने पर 601 अरब रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है. लक्ष्य तो बहुत हैं उन्हें पूरा करने के लिए उनकी कुर्सी बची रहे यह सबसे ज्यादा जरूरी है और जो फिलहाल खतरे में दिख रही है.

रिपोर्टः एएफपी/एन रंजन

संपादनः महेश झा