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काबुल हमला: पाकिस्तान पर भड़का अफगानिस्तान

८ दिसम्बर २०११

काबुल में धार्मिक स्थल पर हुए बम विस्फोट में 55 लोगों की मौत के बाद अफगानिस्तान पाकिस्तान पर बिफर गया है. इस हमले की जिम्मेदारी एक पाकिस्तानी आतंकवादी गुट ने ली है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

अफगानिस्तान भड़का तो बुधवार को पाकिस्तान ने उससे आग्रह किया कि वह सुन्नी आतंकवादी गुट लश्कर ए झंगवी के इन हमलों में शरीक होने का पुख्ता सबूत दे. यह हमला प्रमुख रूप से शिया मुसलमानों को निशाना बना कर किया गया. मंगलवार को पवित्र आशूरा के दिन काबुल में आत्मघाती बम हमला किया गया जिसमें 55 लोगों की मौत हो गई. मजार ए शरीफ में हुए दूसरे हमले में चार और लोग मारे गए.

Afghanistan Mazar-i-Sharif
तस्वीर: AP

हमले के बाद बीच में ही विदेश दौरा छोड़ कर वापस लौटे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने न्याय की मांग की. अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जुबानी जंग चल रही है हालांकि इसी बीच अफगानिस्तान ने यह भी कहा कि यह पाकिस्तान पर है कि वह बिना देर किए इस मामले की जांच करे. राष्ट्रपति के प्रवक्ता अयमाल फैजी ने कहा, "लश्कर ए झंगवी ने हमले की जिम्मेदारी ली है. अब यह पाकिस्तान पर है कि वो कार्रवाई करे और यह पता लगाए कि लश्कर ए झंगवी पाकिस्तान के अंदर रह कर यहां कैसे पहुंचा. उन लोगों को हमारे सबूत देने का इंतजार नहीं करना चाहिए.

फैजी ने बताया कि अफगानिस्तान की जांच एजेंसियां भी मामले को देख रही हैं लेकिन अब तक उनके हाथ कोई ऐसा सबूत नहीं लगा है जिससे इस गुट के हमले में शामिल होने का सबूत मिले. लश्कर ए झंगवी एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है जिसके तार तालिबान और अल कायदा से जुड़े हैं. इस गुट पर हजारों शियाओं की हत्या का आरोप है और यह पाकिस्तान में सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा दे रहा है. ऐसी भी खबरें हैं कि इस संगठन के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों से भी जुड़े हैं.

Afghanistan Ashura Selbstmordattentat in Kabul
तस्वीर: picture-alliance/dpa

1996 में कट्टरपंथी देवबंदी सोच ने इस संगठन को जन्म दिया. इस विचारधारा के लोग शियाओं को विश्वासघाती मानते हैं और माना जाता है कि पिछले सालों इस सोच को मानने वालों ने पाकिस्तान में हजारों लोगों की गोली मार कर या बम हमले करके हत्या की है. संगठन का नाम मौलाना हक नवाज झंगवी के नाम पर है. इसी मौलाना ने आतंकवादी गुट सिपह ए सहाबा का गठन किया था. पाकिस्तान की सरकार ने 2001 में इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया और पिछले कुछ सालों में इससे संबंध रखने वाले कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

हालांकि काबुल के हमले में इस गुट के शामिल होने के दावे का अभी कोई प्रमाण नहीं मिला है. इस संगठन ने पहले कभी अफगानिस्तान में हमला किया हो ऐसी बात भी कभी सामने नहीं आई. अफगान अधिकारियों का कहना है कि हमला करने वाला आत्मघाती पाकिस्तान के कुर्रम इलाके से आया था. पश्चिमी देशों के समर्थन वाली करजई की कैबिनेट ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह तालिबान की मदद कर रहा है और उन आतंकवादी गुटों से मिला हुआ है जो 10 साल से आतंकवाद फैला रहे हैं.

पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि लश्कर ए झंगवी के तालिबान से संबंध हैं. इस अधिकारी ने कहा, "लश्कर ए झंगवी अपने दम पर इस तरह का हमला नहीं कर सकता. इस में जरूरत तालिबान ने मदद की होगी."

रिपोर्टः एएफपी/ एन रंजन

संपादनः महेश झा