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कर्मचारियों को पावर प्लांट से निकाला गया

१६ मार्च २०११

जापान के फुकुशिमा न्यूकलियर प्लांट नंबर एक में रेडियोधर्मी विकिरण का स्तर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि वहां काम कर रहे कर्मचारियों को बाहर निकालना पड़ा. इसका मतलब है कि संकट बहुत ज्यादा बढ़ गया है और भारी तबाही ला सकता है.

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तस्वीर: AP

बुधवार सुबह ही न्यूकलियर प्लांट के एक हिस्से में आग लग गई. हालांकि इस पर काबू पा लिया गया लेकिन काफी देर तक प्लांट से धुआं उठता देखा गया. इस आग से राजधानी टोक्यो और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई.

Flash-Galerie Japan Atomkrise Fukushima Reaktor 15.03.2011
तस्वीर: AP

कुछ ही घंटों बाद न्यूकलियर पावर प्लांट को ठीक करने की कोशिश कर रहे कर्मचारियों को वहां से हटाने का फैसला किया गया. करीब एक घंटे बाद ही कर्मचारी प्लांट में वापस जा सके. तब तक रेडिएशन का लेवल कम हो गया था.

अमेरिकी सेना की मदद

जापान के मुख्य सरकारी प्रवक्ता ने कहा है कि रेडिएशन का संकट बढ़ने की स्थिति में सरकार अमेरिकी सेना से मदद लेने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, "यह सोचना तो व्यवहारिक नहीं होगा कि दाईची संयंत्र में न्यूकलियर चेन रिएक्शन फिर से शुरू हो जाएगा. लेकिन अमेरिकी सेना से मदद के लिए बात की जा रही है."

इससे पहले भी इस बात को लेकर चिंता जताई जाती रही है कि संयंत्र को ठीक करने के लिए काम कर रहे कर्मचारियों का दल बहुत छोटा है और वे बीते शुक्रवार से लगातार काम करने की वजह से बेहद थक गए हैं. अधिकारियों ने 750 कर्मचारियों को तो पहले ही वहां से हटा लिया था और अब वहां सिर्फ 50 कर्मचारी काम कर रहे हैं.

शुक्रवार को जापान में अब तक का सबसे बड़ा भूकंप आया था. इसके बाद आई सूनामी ने काफी तबाही मचाई. फुकुशिमा दाईची का परमाणु संयंत्र भी सूनामी की चपेट में आ गया और इसे काफी नुकसान पहुंचा. परमाणु संयंत्र को इस तरह से बनाया गया है कि भूकंप की सूरत में वह खुद ही बंद हो गया. लेकिन सूनामी ने पावर बैकअप के सिस्टम को खराब कर दिया और संयंत्र की कूलिंग बंद हो गई. इसके बाद वहां विकिरण फैलने का खतरा पैदा हो गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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