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कराची में हिंसा का नया दौर, 19 की मौत

२३ जुलाई २०११

पाकिस्तान के कराची शहर में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. उर्दू भाषी समुदाय के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच झड़पों में दो दिन में 19 लोग मारे गए. उधर क्वेटा में दो बंदूकधारियों ने पांच लोगों की जान ले ली.

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Angry residents burn furniture to protest against the recent killings during a strike in Karachi, Pakistan on Friday, July, 8, 2011. Security forces were ordered to shoot gunmen on sight Friday in Pakistan's largest city, after three days of violence that killed scores of people and prompted political leaders to call for a day of mourning that shut businesses and kept public traffic off the roads. (Foto:Fareed Khan/AP/dapd)
तस्वीर: dapd

कराची में ताजा हिंसा शुक्रवार को मलीर और लांधी इलाकों में उस वक्त शुरू हुई जब मुहाजिर कौमी मूवमेंट और मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट के हथियारबंद लड़ाकों ने एक दूसरे पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. एंबुलेंस सेवा मुहैया कराने वाले एधी फाउंडेशन के सज्जाद अली ने बताया, "अब तक प्रतिद्वंद्वी गुटों की लड़ाई में 19 लोग मारे गए हैं और 25 घायल हुए हैं." दोनों ही गुट खुद को उन लोगों का सच्चा राजनीतिक प्रतिनिधि बताते हैं जो 1947 में बंटवारे के बाद भारत से पाकिस्तान गए और कराची में बसे.

A Pakistani police officer walks past shops gutted by angry protesters to condemn the recent killings in Karachi, Pakistan, Friday, July, 8, 2011. Security forces were ordered to shoot gunmen on sight Friday in Pakistan's largest city, after three days of violence that killed at least 61 people and prompted political leaders to call for a day of mourning that shut businesses and kept public traffic off the roads. (Foto:Fareed Khan/AP/dapd)
तस्वीर: dapd

दबदबे की जंग

मुहाजिर कौमी मूवमेंट 1990 के दशक में मुख्यधारा की पार्टी मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट से अलग हो गई. तब से दोनों गुटों के बीच झड़पें होती रही हैं जिनमें दर्जनों लोग मारे गए हैं. शहर के पुलिस प्रमुख साउद मिर्जा ने बताया कि हिंसा पर नियंत्रण करने के लिए शहरों के विभिन्न इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बल रेंजर्स को तैनात किया गया है.

हाल के महीनों में कराची में खासा खून खराबा हुआ है लेकिन यह हिंसा बहुसंख्यक उर्दू भाषी और अल्पसंख्यक पश्तो भाषी लोगों के बीच हुआ. दो हफ्ते पहले इस हिंसा में 90 लोग मारे गए और 170 लोग मारे गए. पश्तो भाषी पठानों का नाता खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत है जो रोजगार की तलाश में कराची में बसे. कराची देश का मुख्य आर्थिक केंद्र है. पिछले तीन दशकों से जातीय गुट कराची पर नियंत्रण के लिए लड़ते रहे हैं.

सुलगता बलूचिस्तान

उधर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में दो बंदूकधारियों ने मजदूरों पर गोलियां चला कर पांच लोगों की जान ले ली. यह घटना प्रांतीय राजधानी क्वेटा से 180 किलोमीटर दूर नौशकी जिले की है. अब तक किसी ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है. स्थानीय पुलिस प्रमुख मुनीर मेंगल ने बताया, "मोटरसाइकल पर सवार दो अज्ञात बंदूकधारियों ने पांच मजदूरों पर गोलियां बरसा दीं. पंजाब प्रांत से आए ये मजदूर एक मजिस्द बना रहे थे." घटना को अंजाम देने के बाद बंदूकधारी भाग गए. उन्होंने बताया कि चार मजदूरों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि पांचवें की अस्पताल में मौत हो गई.

A soldier of the Pakistani para military force observes pedestrians during a patrol to ensure security in Karachi, Pakistan, Wednesday, Oct. 20, 2010. Pakistan's largest city of Karachi reeled Wednesday after gunmen opened fire in a commercial market, killing 11 people in the latest spasm of violence to underscore the poor state of law and order in this U.S.-allied nation. (AP Photo/Shakil Adil)
तस्वीर: AP

बलूचिस्तान में 2004 में संघीय सरकार के खिलाफ भड़के विद्रोह के बाद से सैंकड़ों आम लोगों की जानें गई हैं. बलूच विद्रोही राजनीतिक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं. वे अपने इलाके से निकलने वाले तेल, गैस और अन्य खनिजों से होने वाली आय में बड़ी हिस्सेदारी भी चाहते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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