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कंपनियों को कागज बचाने की हिदायत

१ मई २०११

पर्यावरण को बचाए रखने की कोशिशों के तहत भारत सरकार ने कंपनियों से कहा है कि वे अपनी सालाना रिपोर्टें और हिसाब किताब ईमेल से भेज सकते हैं.

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तस्वीर: fotolia

कंपनियों के क्षेत्रीय निदेशकों और कंपनी रजिस्ट्रार को एक खास संदेश में कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कहा है कि कंपनियों को 'कागज रहित अनुकूलता' का पालन करना होगा. एमसीए ने संदेश में कहा है, "मंत्रालय को कई उद्योग संगठनों से अर्जियां मिल रही हैं कि कंपनियों को अपनी रिपोर्ट कागजी रूप में भेजने से मना करना चाहिए. सालाना रिपोर्ट में बैलेंस शीट, नुकसान- मुनाफा खाता, निदेशक की रिपोर्ट, लेखा परीक्षक की रिपोर्ट और कंपनी एक्ट 1956 के तहत दस्तावेज आते हैं." मंत्रालय का कहना है कि कंपनियां अपने सदस्यों को सालाना रिपोर्ट कागज के बजाय ईमेल से भेजें.

Papier-Recycling
तस्वीर: AP

कंपनी एक्ट की धारा 219 के मुताबिक कंपनियों को अपनी बैलेंस शीट या सालाना खाता, नुकसान और मुनाफे के खाते, लेखा परीक्षक की रिपोर्ट और सारे दस्तावेज कंपनी के हर सदस्य को सालाना बैठक से 21 दिन पहले भेजने होते हैं.

मंत्रालय का मानना है कि इस नए निर्देश से कागज की बचत होगी. मंत्रालय ने कहा है कि कंपनियों को अपने सदस्यों और शेयर होल्डरों का ईमेल पता एक जगह जमा करना होगा. सारे सदस्यों और साझीदारों को अपना ईमेल पता देने के लिए समय दिया जाना होगा और पता बदलने पर कंपनी को बताना भी होगा. कंपनियों को यह रिपोर्टें अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित करनी होंगी और अपनी वेबसाइट में इस तरह की जानकारी के बारे में स्थानीय और राष्ट्रीय अखबारों में खबर देनी होगी.

मंत्रालय ने कहा है कि सालाना रिपोर्ट जैसे दस्तावेजों को इस तरह बनाने की जरूरत है ताकि वे जल्दी खुल जाएं और लोगों को परेशानी न हो. हालांकि मंत्रालय का कहना है कि जिन लोगों के पास ईमेल पता नहीं है, उन्हें कंपनी कागजी रिपोर्ट भेज सकती है.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः ए कुमार