ओबामा की 'बीयर बैठक'
३१ जुलाई २००९बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को अपने ही देश में एक ऐसा मामला सुलझाना पड़ गया जिसका विवाद रंगभेद के आरोप तक पहुंच गया था.
यह मामला ऐसा अजीबोग़रीब था कि ओबामा को सार्वजनिक रूप से बीयर भी पीनी पिलानी पड़ गई. जी हां, डिनर डिप्लोमेसी का तो चलन नेता लोगों में आम है ही, लेकिन अब ओबामा ने बीयर डिप्लोमेसी का आगाज़ कर दिया है! मक़सद ज़रा अलग था.
गुरूवार देर शाम हुई इस बीयर बैठकी में उप राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल थे. बीयर के गिलास खनके ओबामा के भव्य बागीचे में मेगनोलिया पेड़ के नीचे और सबने तसल्ली से बीयर के घूंट भरे और कड़वाहट को निगलने की कोशिश की.
ओबामा ने कहा, ''सब लोग चुटकी ले रहे हैं कि यह बीयर बैठक है. लेकिन दोस्तों, यह बैठक नहीं है ये तो दोस्त जुटे हैं, शाम ढलने पर, बस यूं ही बीयर का मज़ा लेने के लिए.''
कहा जा रहा है कि ओबामा की यह बीयर डिप्लोमेसी सफल रही. असल में हुआ यह कि पिछले दिनों हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हेनरी लुइस गेट्स को पुलिस के एक सार्जेंट जेम्स क्राउले ने उस समय गिरफ़्तार कर लिया था जब वो अपने ही घर में घुस रहे थे.
किसी व्यक्ति ने देखा कि प्रोफेसर साब एक घर में अटपटे ढंग से घुस रहे हैं, उसने पुलिस को सूचित कर दिया और आननफ़ानन में सार्जेंट क्राउले पहुंच गए. प्रोफेसर ने कहा, भाई ये मेरा ही घर है लेकिन सार्जेंट ने उनकी एक न सुनी और कर लिया उन्हें गिरफ़्तार.
बस फिर क्या था. मामला तूल पकड़ गया. कहा जाने लगा कि ये रंगभेद है और पुलिस अश्वेत लोगों को जानबूझकर पकड़ती है. पुलिस पर आरोप लगते रहे हैं कि वह अश्वेतों को महज़ परेशान करने और नीचा दिखाने के लिए उनकी धरपकड़ करती रहती है.
ख़ैर, मामला बढ़ा और बात राष्ट्रपति ओबामा के कान तक भी पहुंची. ज़ाहिर है सरकार को भी इस तरह के आरोपों पर सफ़ाई देनी पड़ती. ओबामा ने पुलिस वाले की हरकत पर नाराज़गी जताई और घटना पर खेद भी जताया.
एक क़दम आगे बढ़कर उन्होंने किसी मंझे हुए सियासतदां की तरह दोनों लोगों को यानी प्रोफेसर और पुलिस सार्जेंट को व्हाइट हाउस में बीयर की दावत दे डाली.
ओबामा ने कहा कि बीयर के बहाने ''ये मौका अपने भीतर झांकने का भी है. और एक दूसरे को सुनने समझने का भी.''
लोग सोच रहे हैं कि राष्ट्रपति की बीयर दावत से क्या वाकई संदेह और आक्रोश का माहौल कम होगा.
रिपोर्ट- एजेंसियां/एस जोशी
संपादन- ए कुमार