1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ओबामा और मैर्केल मध्य पूर्व पर चिंतित

२८ अगस्त २०११

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने दुनिया में विकास के लिए संगठित होकर काम करने की जरूरत पर सहमति जताई है. दोनों नेताओं ने शनिवार रात फोन पर बात की.

https://p.dw.com/p/12P2v
तस्वीर: AP

व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने मध्य पूर्व में शांति की स्थापना के मुद्दे पर भी बातचीत की. मैर्केल और ओबामा इस बात पर सहमत हुए कि मध्य पूर्व की चौकड़ी (रूस, यूरोपीय संघ, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र) के बयान पर काम किया जाएगा ताकि इस्राएल और फिलीस्तीन के बीच बातचीत को फिर से शुरू कराया जा सके.

आर्थिक चुनौतियों से मुकाबला

व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा, "दोनों नेताओं ने मौजूदा आर्थिक चुनौतियों से निपटने, नौकरियां पैदा करने और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए जी 20 के जरिए संगठित होकर काम करना जरूरी है." हालांकि बयान में यह नहीं बताया गया कि ये नेता संगठित होकर करेंगे क्या.

ओबामा इस वक्त अपने राष्ट्रपति बनने के बाद से सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. उन्हें आर्थिक मोर्चे पर बेहद मुश्किल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ओबामा को सितंबर में एक भाषण देना है जिसमें उन्हें रोजगार और घाटे पर बात करनी है. उनके समर्थकों को उम्मीद है कि इस भाषण में ओबामा आर्थिक समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कुछ उपाय सुझाएंगे.

Flash-Galerie USA Deutschland Obama Merkel Auszeichnung Medal of Freedom
तस्वीर: dapd

अमेरिका यूरोप की आर्थिक स्थिति को लेकर भी चिंतित है. उसे डर है कि यूरोजोन संकट का असर पूरी दुनिया पर हो सकता है और अगर ऐसा होता है तो अमेरिका इसका सबसे बड़ा शिकार होगा. अमेरिकी केंद्रीय बैंक के प्रमुख बेन बर्नांके ने हालांकि शुक्रवार को कहा था कि उन्हें यकीन है कि हालात यूरोपीय अधिकारियों के काबू में हैं. उन्होंने कहा, "अमेरिका और यूरोप दोनों जगह वित्तीय दबाव आर्थिक मंदी से उबरने में आड़े आ रहे हैं."

मैर्केल भी परेशान

अंगेला मैर्केल के सामने भी कम चिंताएं नहीं हैं. वह अपने देश में और यूरोजोन में आर्थिक संकटों को सुलझाने में लगी हैं. घरेलू मोर्चे पर उन्हें शेयर बाजार और उत्पादन दोनों में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. हाल के दिनों में फ्रैंकफर्ट का शेयर बाजार तीन फीसदी से ज्यादा गिरा है. आर्थिक विकास के अनुमान भी लगातार गिरते जा रहे हैं. इससे जनता भी नाराज है. हाल ही में आए एक सर्वे के मुताबिक जर्मन जनता को अंगेला मैर्केल की संकट सुलझाने की काबिलियत पर ज्यादा भरोसा नहीं है. इस सर्वे में 70 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कहा कि मैर्केल संकट नहीं सुलझा पा रही हैं.

यूरो जोन का संकट सुलझाने में मैर्केल फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी के साथ मिलकर काम कर रही हैं लेकिन अब तक दोनों नेता कुछ हल निकाल नहीं पाए हैं. इससे यूरो जोन के अन्य देश भी उनसे नाराज हो रहे हैं. अगर यूरो जोन का आर्थिक संकट फैलता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर होगा. इसीलिए अमेरिका और जर्मनी मिलकर संकट हल करने पर बात कर रहे हैं.

NO FLASH USA Barack Obama Angela Merkel vor dem Weißen Haus in Washington
तस्वीर: AP

मध्यपूर्व का पंगा

ओबामा और मैर्केल ने मध्य पूर्व पर भी बात की. फिलीस्तीन एक महीने बाद संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून के सामने राष्ट्र के तौर पर मान्यता के लिए अर्जी देने वाला है. और इस्राएल और फिलीस्तीन के बीच बातचीत के तार दोबारा जुड़ते नजर नहीं आ रहे हैं. पिछले साल दोनों पक्ष बातचीत की मेज पर आ गए थे लेकिन जल्दी ही यह शांतिवार्त टूट गई. फिलीस्तीन से लिए इलाके में बस्तियां बसाने के इस्राएल के फैसले पर दोनों अड़े हुए हैं.

अब समस्या यह है कि इस्राएल फिलीस्तीन के राष्ट्र का दर्जा हासिल करने की कोशिशों के सख्त खिलाफ है. उसका कहना है कि विवाद सुलझाने और फिलीस्तीनी राज्य की स्थापना का एक ही जरिया है, बातचीत. अमेरिका उसके इस रुख का समर्थन करता है. उसने फिलीस्तीन की अर्जी का समर्थन न करने का फैसला किया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी