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कानून का राज्य

ऑस्ट्रेलिया में चीनी छात्रों के "वर्चुअल अपहरण"

२७ जुलाई २०२०

ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे चीनी छात्रों के दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे ऐंठने के लिए "वर्चुअल अपहरण" किए जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में इस तरह के कई अंतरराष्ट्रीय मामले सामने आए हैं.

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Symbolbild Australien China
तस्वीर: Colourbox/A. Mijatovic

पुलिस ने बताया कि ठगों ने खुद को चीनी अधिकारी बता कर इन छात्रों को डराया, उन्हें जबरन अपने ही अपहरण का नाटक करने पर मजबूर किया और फिर फिरौती में लाखों अमेरिकी डॉलर ले उड़े.

ये अपराधी अकसर फोन कर मैंडरिन में बात करते और चीनी दूतावास या पुलिस से होने का दावा करते. ये अपने शिकार को शुरू में बताते कि कि उस पर चीन में किसी जुर्म का आरोप है या उन्हें यह बताते कि उनकी पहचान चोरी कर ली गई है. उसके बाद ये उन्हें धमकी देते कि अगर उन्होंने कुछ पैसे नहीं दिए तो उन्हें वापस चीन भेज दिया जाएगा.

बदमाश इसके बाद भी अपने शिकार को तब तक धमकाते रहते जब तक वो ऑफशोर बैंक खातों में एक मोटी रकम डाल ना देते.

कुछ मामलों में शिकार को कहा जाता कि वो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से कोई संपर्क ना रखे, फिर उन्हें कहा जाता है कि वो खुद को बंधक दिखाते हुए अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर अपनी वीडियो बनाएं. उसके बाद ये ठग इस तरह की वीडियो का इस्तेमाल कर फिरौती की रकम मांगते.

Australien | Coronavirus | Melbourne University
ऑस्ट्रेलिया के कुछ सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में करीब 45 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं. तस्वीर: Melbourne University

पुलिस ने बताया कि इस साल कम से कम आठ ऐसे मामलों में फिरौती में 30 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलरों की उगाही की गई है. दुनिया में और भी कई जगहों पर इस तरह के मामले सामने आए हैं और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने कहा है कि इन घोटालों को "पिछले एक दशक में अंतर्राष्ट्रीय संगठित जुर्म सिंडिकेटों ने विकसित किया है." न्यू साउथ वेल्स के पुलिस असिस्टेंट कमिश्नर पीटर थर्टेल ने बताया कि इस तरह की ठगी के शिकार "जो भी हुआ उस से सदमे में चले जाते हैं क्योंकि उन्हें ये लगता है कि उन्होंने खुद को और अपने प्रियजनों को खतरे में डाल दिया."

ऑस्ट्रेलिया में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करने वाली संस्था ने पिछले साल इस तरह के 1,000 से भी ज्यादा मामले दर्ज किए थे. चीनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले निर्वासित लोग और सताए गए नस्लीय समूहों ने भी चीनी अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत की है. इन शिकायतों में धमकी भरे फोन कॉलों का आना भी शामिल हैं. चीनी अधिकारियों का कहना है कि कोई भी अधिकारी छात्रों को उनके मोबाइल पर संपर्क कर पैसों की मांग नहीं करेगा.

ऑस्ट्रेलियाई पुलिस की यह चेतावनी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को ऑनलाइन लाने की विश्वविद्यालयों की कोशिशों के बीच आई है. कच्चा लोहा, कोयला और प्राकृतिक गैस के बाद शिक्षा ऑस्ट्रेलिया का चौथा सबसे बड़ा कमाई का जरिया है. पिछले साल देश में पांच लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन हुआ था, जिस से 37 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलरों की कमाई हुई थी.

कोरोना वायरस महामारी की वजह से जब से देश की सीमाएं बंद की गई हैं, तब से शिक्षा क्षेत्र अपंग हो चुका है. चीन के साथ बढ़े हुए तनाव की वजह से देश में छात्रों के आवागमन पर और असर पड़ा है. पिछले महीने चीन के शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को महामारी के समय "ऑस्ट्रेलिया में एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ भेदभाव की कई घटनाओं" के बारे में चेतावनी दी थी और उन्हें सीमाएं खुलने के बाद ऑस्ट्रेलिया लौट जाने से हतोत्साहित किया था.

सीके/एए (एएफपी)

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