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एशिया में कई लीबियाई राजदूतों ने इस्तीफे दिए

२२ फ़रवरी २०११

एशिया में कई लीबियाई दूतावास देश में प्रदर्शकारियों पर बर्बर हिंसा को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. भारत में लीबियाई राजदूत ने इस्तीफा दिया. चीन, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया में भी राजयनिक सरकार से खफा हैं.

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विरोध की फैलती लहरतस्वीर: AP

भारत में लीबिया के राजदूत अली अल एसावी ने कहा, "मैंने इसलिए इस्तीफा दिया है क्योंकि मेरे देश की आम जनता पर बर्बर हिंसा हो रही है. कल उन्होंने शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन कर रहे आम लोगों पर हवाई जहाजों से बम गिराए. इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता." उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की है कि वे लीबिया में उड़ान निषेध क्षेत्र की घोषणा करें. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय मंगलवार को न्यूयॉर्क में लीबिया पर विमर्श करेंगे.

एसावी ने सोमवार को सबसे पहले बीबीसी अरब सर्विस को अपने इस्तीफे के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मुअम्मर गद्दाफी का शासन अपनी वैधता खो चुका है और एक दिन लीबियाई सरकार गिर जाएगी. एसावी ने कहा, "यह सिर्फ वक्त की बात है. हम चाहते हैं कि पैसों की भी बचत हो." एसावी लीबिया के व्यापार और निवेश मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि राजदूत के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें पता नहीं वह आगे क्या करेंगे. वह इस वक्त अपने परिवार और खुद अपनी सुरक्षा के बारे में नहीं सोच रहे हैं.

उधर ऑस्ट्रेलिया में लीबिया के दूतावास ने कहा है कि वह लीबियाई सरकार से अपने संबंध तोड़ रहा है. ऑस्ट्रेलिया में लीबियाई मिशन के सांस्कृतिक आयुक्त ओमरान ज्वेद ने एक अखबार से बातचीत में इस बात की घोषणा की. उन्होंने कहा, "हम लीबिया के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहां की शासन का नहीं." मलेशिया में लीबियाई दूतावास में काम कर रहे लोगों ने भी लीबिया में प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की निंदा की. क्वालालंपुर में 200 लीबियाई नागरिकों ने दूतावास के बाहर प्रदर्शन किए.

सोमवार को चीन में लीबिया के राजदूत ने अल जजीरा चैनल के साथ बात करते हुए अपना इस्तीफा दिया. रिपोर्टों के मुताबिक बांग्लादेश में लीबिया के राजदूत ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. संयुक्त राष्ट्र में लीबिया के प्रतिनिधियों ने देश में हिंसा की निंदा की है. अरब लीग में लीबिया के स्थायी प्रतिनिधि अब्दुल मोनेइम अल होनी ने रविवार को अपना पद त्याग दिया और देश की 'क्रांति में हिस्सा लेने' की बात कही. सरकार विरोधी लहर कई शहरों के बाद अब लीबिया की राजधानी त्रिपोली तक फैल चुकी है. मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक प्रदर्शन शुरू होने के बाद से 200 से लेकर 400 लोगों की मौत हो गई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार

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